कोरोनावायरस से अपैरल इंडस्ट्री पर करारी चोट, 68 फीसदी यूनिट्स की उत्पादन क्षमता में भारी गिरावट
करीब 21 फीसदी क्लोदिंग मैन्यूफैक्चरर्स ने अनुमान जताया है वे अगले 12 महीनों में क्षमता के 25 फीसदी से भी कम पर अपना ऑपरेशन करेंगे
![कोरोनावायरस से अपैरल इंडस्ट्री पर करारी चोट, 68 फीसदी यूनिट्स की उत्पादन क्षमता में भारी गिरावट Corona hit garment industry, 68 Percent units run in very low capacities कोरोनावायरस से अपैरल इंडस्ट्री पर करारी चोट, 68 फीसदी यूनिट्स की उत्पादन क्षमता में भारी गिरावट](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/08/07232610/textile.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
कोरोनावायरस ने अपैरल इंडस्ट्री पर करारी चोट की है. लगभग 95 फीसदी अपैरल मैन्यूफैक्चरर्स का ऑपरेशन 50 फीसदी से भी नीचे पहुंच गया है. एक सर्वे के मुताबिक इस इंडस्ट्री के 68 फीसदी हिस्से ने अनुमान जताया है कि वे अगले तीन महीने में अपनी उत्पादन क्षमता 25 फीसदी से भी कम इस्तेमाल कर पाएंगे.
एक साल तक सुधार की गुंजाइश नहीं
क्लोदिंग मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सर्वेक्षण में कहा गया है कि 74 फीसदी उद्यमियों ने जून 2020 में खत्म हुई तिमाही में बिक्री 90 फीसदी घटने का अनुमान जताया है. सर्वेक्षण में शामिल उद्यमियों ने अगले एक साल तक कोई बड़ा सुधार न होने की आशंका जताई है. करीब 21 फीसदी क्लोदिंग मैन्यूफैक्चरर्स ने अनुमान जताया है वे अगले 12 महीनों में क्षमता के 25 फीसदी से भी कम पर अपना ऑपरेशन करेंगे. वहीं 46 फीसदी ने 25 से 50 फीसदी के बीच ऑपरेशन की संभावना जताई.
एमएसएमई सेक्टर में वर्किंग कैपिटल की समस्या
क्लोदिंग मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा कि एमएसएमई की बहुलता वाले क्षेत्र में वर्किंग कैपिटल में कमी से चिंताएं और बढ़ रही है. मैन्यूफैक्चरर्स को रिटेल सेक्टर से पेमेंट नहीं मिल रहा है क्योंकि वह भी मुश्किलों से गुजर रहा है. सर्वे में शामिल 91 फीसदी उद्यमियों ने कहा कि उन्हें पिछली तिमाही में अपने बकाये का 25 फीसदी से भी कम हिस्सा मिला. करीब 85 फीसदी ने अगले तीन महीने में पेमेंट न मिलने के आसार जताए. दरअसल, 44 फीसदी लोगों ने अपना 20 से 50 फीसदी बकाया फंसने की आशंका जताई.
सीएमएआई के अध्यक्ष राकेश बियाणी के मुताबिक, 'ये अपैरल इंडस्ट्री के भविष्य के लिए बड़े घातक संकेत हैं. छोटे उद्यमियों का वजूद बना रहेगा इसमें आशंका है. इंडस्ट्री में25 से 30 फीसदी इकाइयां बंद हो सकती हैं. उन कंपनियों में भी 25 से 30 फीसदी नौकरियां जाएंगी, जो इस साल किसी तरह अपना वजूद बचाने में सफल रहेंगी.इस समय उद्योग में करीब 85,000 फैक्टरी हैं, जिनमें कोविड से पहले करीब 1.2 करोड़ लोग कार्यरत थे.
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