Cryptocurrency Regulations: भारत में क्रिप्टोकरंसी के कारोबार पर लगाम की खबरों के बाद से इस बात की पूरी आशंका है कि आने वाले दिनों में इसमें और हलचल देखी जाएगी. भारत नियम बनाने की तरफ जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है इस करंसी में गिरावट गहराती देखी गई है. केंद्र सरकार ने अब ये तय कर लिया है कि 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में इस पर कानून बनाया जाएगा.
इस खबर के आने के बाद से ही मौजूदा हफ्ते की शुरुआत में क्रिप्टोकरंसी बाजार में भारी गिरावट देखी गई, लेकिन तब से यह अब कुछ स्थिर हो गया है. ऐसे में ये समय न सिर्फ इस कारोबार को समझने के लिए बल्कि दुनिया के बड़े देशों में इसके लिए बनाए गए कानूनों को समझने के लिए बेहतरीन है. ये देखना काफी दिलचस्प होगा कि इस भयंकर उतार-चढ़ाव वाले सट्टा उद्योग को दुनिया भर में किस तरह से कानूनी जामा पहनाया जाता है.
अमेरिका
भारत की ही तरह अमेरिका में भी शासन की दोहरी प्रणाली है. इसके तहत अलग-अलग राज्यों में कानून, अलग-अलग होते हैं. क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी जामा पहनाने या रेग्युलेट करने के लिए हर अमेरिकी राज्य के अपने कानून हैं लेकिन बड़े पैमाने पर देश-स्तर पर, व्यापारिक समुदाय के प्रति भावना सकारात्मक ही है.
अमेरिका को व्यापार के अवसरों का समर्थन करने के लिए जाना जाता है. इसलिए क्रिप्टो ट्रेडिंग पर पूरी तरह प्रतिबंध की ज्यादा आशंका तब तक नहीं है जब तक कि यह उद्योग मौजूदा वित्तीय प्रणाली के लिए असहनीय जोखिम नहीं डालता.
ब्रिटेन
तमाम देशों की ही तरह यूके ने भी क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने के लिए व्यापक कानून नहीं बनाया है. हालांकि, मौजूदा प्रणाली के तहत, यह क्रिप्टो ट्रेडिंग में काम करने वाले पंजीकृत व्यवसायों को लाइसेंस जरूर देता है. इस करंसी पर होने वाले मुनाफे पर दूसरे किसी भी व्यापार की ही तरह टैक्स वसूला जाता है.
चीन
इस देश में शुरू में तो लोगों को क्रिप्टो करंसी का व्यापार करने या खनन करने की अनुमति दी गई लेकिन इसने इस साल की शुरुआत में इन तमाम गतिविधियों पर नकेल कसनी शुरू कर दी गई. साथ ही जून में व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया. खबरों के मुताबिक इस कारोबार से जुड़े तमाम अहम लोगों को अपना संचालन जारी रखने के लिए देश से बाहर जाना पड़ा. चीन अपनी मुद्रा युआन का एक डिजिटल संस्करण विकसित कर रहा है और रेग्युलेटेड क्रिप्टो क्वाइन का परीक्षण भी कर रहा है.
यूरोपीय संघ
27-सदस्यीय देशों का समूह होने के नाते, सभी सदस्यों के लिए लागू हो सकने वाला कोई भी कानून बनाना काफी जटिल होता है. हालांकि इस उभरते उद्योग से निपटने के लिए सदस्य देशों का अपना ढांचा है. यहां इसको लेकर एक सामूहिक दृष्टिकोण पर विचार किया जा रहा है.
यूरोपीय आयोग ने सितंबर 2020 में क्रिप्टो-एसेट्स मार्केट्स रेगुलेशन (MiCA) कानून से जुड़ा ड्राफ्ट जारी किया. जब यह प्रभावी होगा तब कानून, क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित वित्तीय साधनों के रूप में मानेगा. इसके लिए लिए नियामकों से अनुमोदन की आवश्यकता होगी.
अल साल्वाडोर
इसी साल सितंबर में ये दक्षिण अमेरिकी देश, एक तरह से आधिकारिक तौर पर अमेरिकी डॉलर के साथ कानूनी मुद्रा के रूप में बिटकॉइन को लॉन्च करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. यहां के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने बिटकॉइन को गरीबी कम करने और अधिक जनसंख्या को बैंकिंग नेटवर्क में लाने के तरीके के रूप में रखा है. बिटकॉइन का ये रोलआउट समस्याओं से भरा रहा.
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