दो दिग्गज एफएमसीजी कंपनियों डाबर और मैरिको में शहद की शुद्दता को लेकर जंग छिड़ी हुई है. दोनों के बीच विज्ञापन यु्द्ध छिड़ा हुआ है और वे एक दूसरे के दावों को झूठा बता रहे हैं. मैरिको न एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया में डाबर के शहद के विज्ञापन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. वहीं डाबर भी अब इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की योजना बना रही है.
मैरिको ने कहा, डाबर का दावा गलत
सीएसई की ओर से बाजार में बिकने वाले नामी कंपनियों के शहद की शुद्धता के बारे में खुलासे के बाद दोनों कंपनियों के बीच यह जंग और तेज हो गई है. इकनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक मैरिको ने डाबर के उस विज्ञापन को गलत बताया है कि उसका शहद एनएमआर टेस्ट में सफल साबित हुआ है. एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया ने मैरिको की शिकायत दर्ज कर ली है. इस पर सुनवाई शुरू हो सकती है. कंपनी ने डाबर के विज्ञापन के खिलाफ अंतर कंपनी मंच पर भी शिकायत की थी. मैरिको का कहना है कि डाबर का अपने शहद का एनएमआर टेस्ट में पास होने का दावा गलत है.
डाबर का पलटवार, कहा- मैरिको का शहद शुद्ध नहीं
डाबर ने भी पलटवार किया है. डाबर ने कहा है कि मैरिको का अपने शहद का एनएमआर टेस्ट में पास होने का दावा गलत है. मैरिको ने अपने सफोला ब्रांड के शहद के एनएमआर टेस्ट में पास होने का दावा किया है. लेकिन यह गलत दावा है और ग्राहकों को गुमराह करता है. जबकि डाबर का दावा है कि इसके शहद ने एफएसएसएआई की ओर से जरूरी सभी 22 टेस्ट पास कर लिए हैं और स्वैच्छिक तौर पर यह एनएमआर टेस्ट भी पास करता रहा है. इसलिए डाबर का शहद दुनिया में सबसे ज्यादा बिकता है. इसने यूरोप और अमेरिका के बाजार में रेगुलेटर्स टेस्ट पास कर लिए हैं. जबकि मैरिको का कहना है कि उसका शहद सौ फीसदी, चाहे उसकी पैकेजिंग की लोकेशन कहीं भी क्यों न हो.
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