पिछले करीब एक साल में पूरी दुनिया में सिर्फ मंदी (Global Recession) और छंटनी (Global Layoffs) की ही चर्चा हो रही है. बड़ी-बड़ी दिग्गज कंपनियों से लेकर नए जमाने के स्टार्टअप्स तक में ताबड़तोड़ छंटनी हो रही है. इन सब के बीच एक सेक्टर ऐसा भी है, जहां लोग खुद से ही नौकरियां छोड़ रहे हैं. इसका कारण भी दिलचस्प है. आर्थिक चुनौतियों के इस दौर में भी ईवी सेक्टर (EV Sector) की कंपनियां प्रतिभावान कर्मचारियों को अपने साथ जोड़ने की होड़ कर रही हैं.


इस तरह से जुटाए गए आंकड़े


अंग्रेजी अखबार ईटी और स्टाफिंग कंपनी सिएल एचआर सर्विसेज ने इस बारे में आंकड़े जुटाए हैं. ये आंकड़े प्रोफेशनल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन (LinkedIn) से जुटाए गए हैं, जो ईवी सेक्टर की 268 कंपनियों के 2,71,778 कर्मचारियों पर आधारित हैं. आंकड़े के अनुसार, भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल और इससे जुड़ी कंपनियां भारी एट्रिशन रेट (EV Attrition Rate) का सामना कर रही हैं. एट्रिशन रेट का मतलब किसी भी कंपनी में कर्मचारियों के नौकरी छोड़कर जाने की रफ्तार से होता है.


ईवी इंडस्ट्री में चल रहा टैलेंट वार


रिपोर्ट के कहा गया है कि ईवी कंपनियों के बीच टैलेंट वार (EV Industry Talent War) चल रहा है और वे एक-दूसरे के यहां से कर्मचारियों की खींच-तान कर रही हैं. ईवी इंडस्ट्री में अभी मिडल से सीनियर लेवल के कर्मचारी औसतन 1.8 साल ही एक नौकरी में टिक पा रहे हैं, जबकि एफएमसीजी (FMCG) इंडस्ट्री में यह दर 4.1 साल है. इसी तरह एमएसएमई मैन्यूफैक्चरिंग (MSME Manufacturing) में मिडल टू सीनियर लेवल कर्मचारी औसतन 3.6 साल, ईपीसी (EPC) में 5 साल और स्टार्टअप्स (Startups) में 1.9 साल काम कर रहे हैं.


ये कंपनियां कर रहीं हायरिंग


आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ स्थानीय ईवी मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों में ही नहीं बल्कि उन वैश्विक कंपनियों में भी टैलेंट की भारी डिमांड है, जो लंबे समय के रिटर्न को ध्यान में रखते हुए भारत में बड़ा निवेश कर रही हैं. टैलेंट की तलाश कर रही कंपनियों में हीरो इलेक्ट्रिक (Hero Electric), महिंद्रा इलेक्ट्रिक (Mahindra Electric), मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki), चार्ज प्वाइंट (ChargePoint), लॉग9 मटीरियल्स (Log9 Materials), फिस्कर (Fisker), एएमपी ईवी (AMP EV) और जेडएफ (ZF) जैसे नाम शामिल हैं.


हायरिंग में आएगी इतनी वृद्धि


आंकड़ों से ये भी पता चलता है कि कल-पुर्जे बनाने वाली कंपनियों, बैट्री बननाने वाली कंपनियों, चार्जिंग व स्वैपिंग की सुविधा देने वाली कंपनियों और वाहनों का रख-रखाव करने वाली कंपनियों समेत इलेक्ट्रिक व्हीकल के पूरे परिस्थितिकी तंत्र में शामिल सभी कंपनियां क्षमता का विस्तार करने व नए उत्पादों को लॉन्च करने के लिए कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान दे रही हैं. इसके चलते ईवी इंडस्ट्री में हायरिंग (EV Industry Hiring) में अगले एक साल के दौरान 50 फीसदी की वृद्धि आने का अनुमान है.