Forex Reserve Latest Update: रिजर्व बैंक ने सप्ताह के अंत में एक राहत भरी खबर दी है. भारत के विदेशी मुद्रा भंडार (India Forex Reserve) में फिर तेजी रिकॉर्ड की गई है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 7 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 6.3 बिलियन डॉलर अधिक हो गया. इस तरह विदेशी मुद्रा भंडार अब पिछले नौ महीने के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया है.
लगातार दूसरे सप्ताह तेजी
विदेशी मुद्रा भंडार में हालिया कुछ समय के दौरान लगातार गिरावट देखने को मिली है. हालांकि पिछले कुछ सप्ताह से इसमें उतार-चढ़ाव का सिलसिला है. लगातार दो सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के क्रम पर इससे पहले वाले सप्ताह में ब्रेक लग गया था. उसके बाद सात अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भ्ज्ञी विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी आई है. इस तरह लगातार दो सप्ताह कम होने के बाद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अब लगातार दूसरे सप्ताह बढ़ा है.
अब इतना है फॉरेक्स रिजर्व
रिजर्व बैंक के आधिकारिक आंकड़ों (RBI Data) के अनुसार, 7 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 584.755 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया. इससे पहले 31 मार्च को समाप्त हुए सप्ताह के बाद यह भंडार 578.45 बिलियन डॉलर हो गया था. उस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 329 मिलियन डॉलर की तेजी आई थी.
बढ़ी विदेशी मुद्रा संपत्ति
आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह के दौरान भारत की विदेशी मुद्रा संपत्ति करीब 4.740 बिलियन डॉलर बढ़कर 514.431 बिलियन डॉलर पर पहुंच गई. विदेशी मुद्रा संपत्ति यानी एफसीए को डॉलर टर्म में दिखाया जाता है. इस आंकड़े में डॉलर के अलावा अन्य मुद्राएं जैसे यूरो, पाउंड, येन आदि की कीमतों में आई घट-बढ़ के असर को शामिल किया जाता है.
स्वर्ण भंडार में इतनी तेजी
सात अप्रैल वाले सप्ताह के दौरान भारत का स्वर्ण भंडार और एसडीआर होल्डिंग भी तेज हुआ. इस दौरान स्वर्ण भंडार यानी गोल्ड रिजर्व 1.496 बिलियन डॉलर अधिक होकर 46.696 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया. वहीं एसडीआर यानी स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स में 58 मिलियन डॉलर की तेजी आई और यह 18.450 बिलियन डॉलर के बराबर हो गया. इसी तरह आईएमएफ के पास रखा रिजर्व 13 मिलियन डॉलर बढ़ कर 5.178 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया.
यह था ऑल टाइम हाई लेवल
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर 2021 में अपने सबसे उच्च स्तर पर पहुंचा था. तब यह 645 बिलियन डॉलर के पार निकल गया था. उसके बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आती गई है. विभिन्न प्रतिकूल कारकों के चलते भारतीय करेंसी रुपये की वैल्यू डॉलर के मुकाबले कम हुई है. इसके कारण विदेशी मुद्रा भंडार में भी गिरावट आई है, क्योंकि रिजर्व बैंक रुपये को संभालने के लिए समय-समय पर अपने विदेशी मुद्रा भंडार को खर्च करता है.
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