वोडाफोन-आइडिया के बंद होने पर हजारों लोग हो जाएंगे बेरोजगार, कॉल रेट के महंगा होने का रहेगा डर
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड कंपनी की हालत खराब है और इसके शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि अगर सरकार की तरफ से मदद नहीं पहुंचाई गई तो भारत में कारोबार समेटना पड़ सकता है.
नई दिल्ली: देश में भारी कर्ज के बोझ तले दबी टेलीकॉम कंपनियों की हालत खराब है. इन विपरीत परिस्थिति में सरकार की तरफ से राहत नहीं मिलने से वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) अपना कामकाज बंद करने पर भी विचार कर रही है. अगर ऐसा होता है तो अर्थव्यवस्था पर इसका बड़ा असर पड़ेगा और हजारों लोगों की नौकरियां चली जाएंगी. वोडा-आइडिया के अपनी सेवा के बंद करने से मार्केट में कंपनियों की संख्या घटेगी जिससे यूजर्स को कॉल रेट और अन्य सुविधाओं के लिए भी अधिक पैसे देने पर सकते हैं.
एक अनुमान के मुताबिक वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के बंद होने से लगभग 13,520 कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है. देश में टेलीकॉम कंपनियों के विलय से एक अनुमान के मुताबिक पहले ही करीब एक लाख लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं. मार्केट में कंपनियों के विलय से पहले आठ कंपनियां थी जो अब घटकर चार हो गई हैं. कंपनी के बंद होने की स्थिति में विदेशी निवेश पर भी असर पड़ेगा. साथ ही अगली बार जब स्पेक्ट्रम की नीलामी होगी तो इससे सरकार को लक्ष्य के अनुरूप पैसे की प्राप्ति नहीं हो सकेगी.
बता दें कि वोडाफोन-आइडिया भारतीय बाजार में इस वक्त हर तिमाही में तकरीबन 5 हजार करोड़ रुपए का नुकसान उठा रही है. इसके अलावा कंपनी पर तकरीबन 99 हजार करोड़ रुपए का कर्ज भी है. लिहाजा, कंपनी को इस भारी भरकम कर्ज पर ब्याज भी चुकाना पड़ता है इसके बाद हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने 14 साल पुराने एजीआर के मामले में निर्णय दिया जिसने टेलीकॉम कंपनियां खासकर वोडाफोन, आइडिया और भारती एयरटेल की कमर तोड़ कर रख दी है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के मुताबिक टेलीकॉम कंपनियों को सरकार को 92 हजार करोड़ चुकाने होंगे. इसमें से वोडाफोन आइडिया को लगभग 28 हजार करोड़ रुपये चुकाने होंगे.
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