Moody's India GDP Forecast: कुछ महीनों की राहत के बाद दिसंबर तिमाही (December Quarter) में भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के आंकड़ों ने फिर से चिंताएं बढ़ा दी. सरकारी आंकड़ों के हिसाब से इस दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर (India GDP Growth Rate) तीन तिमाहियों में सबसे कम रही. हालांकि रेटिंग एजेंसी मूडीज एनालिटिक्स (Moody's Analytics) का मानना है कि जीडीपी ग्रोथ में यह नरमी तात्कालिक है और भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) जल्दी ही वापस रफ्तार पकड़ लेगी.


दिसंबर तिमाही में आई नरमी


सरकार ने पिछले सप्ताह अर्थव्यवस्था के आधिकारिक आंकड़े जारी किए थे. आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर से दिसंबर 2022 के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर महज 4.4 फीसदी रही. यह तीन तिमाहियों में अर्थव्यवस्था के बढ़ने की सबसे कम रफ्तार थी. जीडीपी ग्रोथ रेट में गिरावट आने के मुख्य कारणों में विनिर्माण में नरमी आना और निजी उपभोग व खर्च में गिरावट आना रहा. दिसंबर तिमाही के दौरान विनिर्माण क्षेत्र 1.1 फीसदी संकुचित हो गया था.


ये है जीडीपी ग्रोथ का इंजन


मूडीज ने उभरते बाजारों के परिदृश्य पर जारी अपनी हालिया रिपोर्ट में भारत की वृद्धि दर पर चर्चा की है. मूडीज का कहना है कि पिछले साल के अंत में जीडीपी ग्रोथ रेट में आई कमी तात्कालिक है. यह नरमी मांग पक्ष के दबावों को दूर करने में मदद कर रही है. मूडीज का कहना है कि अभी घरेलू अर्थव्यवस्था ही वृद्धि दर के लिए इंजन का काम कर रही है और इसमें सुधार आने की गुंजाइश है.


बाहर से भी मिलेगी मदद


बाहरी कारकों को देखें तो यहां भी भारत के लिए अनुकूल तस्वीर उभर रही है. अमेरिका और यूरोप में अच्छी रिकवरी हो रही है, जो भारत की वृद्धि दर के लिए मददगार है. अमेरिका और यूरोप भारत के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों में हैं. इन सब फैक्टर्स को देखते हुए लगता है कि आर्थिक वृद्धि दर में दिसंबर तिमाही के दौरान आई नरमी बहुत समय तक नहीं टिकने वाली है.


ये है पूरे वित्त वर्ष का अनुमान


आधिकारिक अनुमान को देखें तो भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 7 फीसदी की दर से वृद्धि कर सकती है. हालांकि दिसंबर तिमाही की नरमी ने इस अनुमान को थोड़ा मुश्किल बनाया है. अगर अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही यानी जनवरी से मार्च 2023 के दौरान 5 फीसदी की वृद्धि दर हासिल करने में कामयाब रहती है तो पूरे वित्त वर्ष के लिए आधिकारिक अनुमान को हासिल कर पाना संभव हो जाएगा.


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