लोन मोरेटोरियम की अवधि 31 अगस्त से आगे नहीं बढ़ाएगा आरबीआई


रिजर्व बैंक लोन मोरेटियम की अवधि 31 अगस्त से आगे नहीं बढ़ाएगा. रिजर्व बैंक के निर्देश के मुताबिक बैंक अगले कुछ दिनों में अब फंसे हुए कर्जों के संबंध में अपनी नीतियों को लागू कर सकते हैं. बैंकरों का कहना है कि एक बार लोन के रीस्ट्रक्चरिंग की अनुमति मिल जाने के बाद मोरेटोरियम को आगे बढ़ाना ठीक नहीं है.


लोन मोरेटोरियम में ईएमआई घटाने की इजाजत नहीं होती 


मोरेटेरियम के तहत बैंकों को ब्याज दर घटाने की इजाजत नहीं होती है. इससे मोरेटेरियम की अवधि खत्म हो जाने के बाद ईएमआई बढ़ जाती है. वहीं लोन रीस्ट्रक्चरिंग के तहत बैंक लोन की शर्तों में दो साल तक ढील दे सकते हैं. इस वजह से लोन लेने वाली की ईएमआई कम हो जाती है. रिजर्व बैंक ने 6 अगस्त को ऐलान किया था 1 मार्च, 2020 तक जिन लोन ग्राहकों को लोन डिफॉल्ट हुए एक महीने से ज्यादा नहीं हुआ होगा उन्हें ही लोन रीस्ट्रक्चरिंग का फायदा मिलेगा.


आरबीआई बढ़ा चुका है कि मोरेटोरियम 


कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान लोगों की सैलरी कम हो जाने और नौकरी जाने जैसी दिक्कतों को देखते हुए आरबीआई ने लोन मोरेटोरियम की सुविधा दी थी. लेकिन इसकी अवधि अब 31 अगस्त से आगे नहीं बढ़ने जा रही है. आरबीआई की ओर से लोन मोरेटोरियम की सुविधा के तहत ग्राहकों को ईएमआई टालने का विकल्प मिला था. यानी उन्हें इस अवधि में ईएमआई का भुगतान करने का विकल्प दिया था.


कोरोना के मद्देनजर ग्राहकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने पहले 1 मार्च 2020 से लेकर 31 मई 2020 तक सभी टर्म लोन के पेमेंट पर तीन महीने की मोहलत दी थी लेकिन बाद में इसे तीन महीने की लिए बढ़ा कर 31 अगस्त 2020 तक कर दिया गया था. हालांकि अब रिजर्व बैंक से संकेत मिल रहे हैं कि इसे और आगे नहीं  बढ़ाया जाएगा.


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