लगातार लॉकडाउन की वजह से राज्यों की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है. महाराष्ट्र को सबसे ज्यादा नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है. देश के सबसे बड़े औद्योगिक राज्य की जीडीपी में 14.2 फीसदी की गिरावट की आशंका जताई जा रही है.


17 फीसदी तक गिर सकती है GSDP 


एसबीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्यों की कुल जीएसडीपी  (GSDP) में 16.8 फीसदी की गिरावट आ सकती है. राज्यों के हिसाब से देखें तो देश की जीडीपी में गिरावट में शीर्ष दस राज्यों की हिस्सेदारी 73.8 फीसदी है. इस गिरावट में अकेले महाराष्ट्र की हिस्सेदारी 14.2 फीसदी है. तमिलाडु की हिस्सेदारी 9.2 और उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 8.2 फीसदी है.


सप्लाई चेन में सुधार के बगैर रफ्तार नहीं पकड़ेगी राज्यों की अर्थव्यवस्था 


दरअसल राज्यों में बढ़ते वायरस संक्रमण और देश की इकनॉमी में राज्यों की लगातार बढ़ती हिस्सेदारी का असर देश की जीडीपी पर पड़ती है. इसलिए राज्यों की जीडीपी में बड़ी गिरावट का असर देश की जीडीपी में भारी गिरावट के तौर पर दिखती है. हालांकि हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों, गुजरात, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और तमिलनाडु में आर्थिक गतिविधियों ने कुछ हद तक रफ्तार पकड़ी है.


एमएसएमई सेक्टर पर सबसे ज्यादा चोट


एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत की इकनॉमी एक दूसरी से जुड़ी सप्लाई चेन पर निर्भर है. इसलिए लॉकडाउन के प्रभाव से सप्लाई चेन बाहर नहीं निकलेगी तब तक अर्थव्यवस्था में पहले जैसी रफ्तार हासिल करना मुश्किल है. देश के पूर्व चीफ स्टेटिस्टिशयन प्रणब सेन ने कहा है कि कोरोनावायरस संक्रमण के सबसे बुरा असर एमएसएमई और कृषि सेक्टर में दिखेगा. देश के कई राज्यों में लॉकडाउन बढ़ने से इन दोनों सेक्टर की उत्पादकता को काफी चोट पहुंची है.


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