मद्रास हाई कोर्ट ने डीबीएस बैंक इंडिया (DBIL) से कहा है कि अगर इसने लक्ष्मी विलास बैंक के शेयरहोल्डरों को क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया तो डीबीएस बैंक को इसके लिए रिजर्व फंड बनाना होगा. अदालत ने कहा है कि डीबीएस बैंक में लक्ष्मीविलास बैंक के विलय से शेयरहोल्डरों को जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई करने के लिए बैंक को रिजर्व फंड बनाना होगा.


कोलकाता की एयूएम कैपिटल ने दायर की है याचिका 


कोलकाता स्थित एयूएम कैपिटल मार्केट की याचिका पर अदालत ने यह निर्देश दिया है. जस्टिस विनीत कोठारी और जस्टिस एम एस रमेश की बेंच ने यह अंतरिम निर्देश दिया है. कंपनी की ओर से दलील दे रहे वरिष्ठ वकील पीएस रमन और अरविंद दातार ने कहा कि अदालत डीबीआईएल लिमिटेड में लक्ष्मीविलास बैंक के विलय पर स्थगनादेश जारी करे. यह विलय 27 नवंबर से प्रभावी हो गया है. लक्ष्मीविलास बैंक की एयूएम कैपिटल में 0.5 फीसदी हिस्सेदारी है.


कोर्ट की इजाजत बगैर डीबीआईएल नहीं उठाएगी कदम 


हालांकि मद्रास हाई कोर्ट की बेंच ने स्टे ऑर्डर देने से इनकार करते हुए कहा कि कोर्ट की अनुमति के बगैर डीबीआईएल लक्ष्मीविलास बैंक के शेयरहोल्डरों के  खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया जा सकता.अदालत ने कहा कि अगर उसने लक्ष्मीविलास बैंक के शेयरहोल्डरों को क्षतिपूर्ति देने का फैसला किया तो डीबीआईएल को अंडरटेकिंग देनी होगी कि वह इसके लिए फंड बनाएगी. अदालत ने कहा कि डीबीआईएल जो रिजर्व फंड बनाएगी वह लक्ष्मीविलास बैंक के शेयरों के फेस वैल्यू के बराबर होना चाहिए. इसे अगले आदेश तक मेंटेन करना होगा. डीबीएस बैंक में लक्ष्मीविलास बैंक के विलय के बाद  97  हजार शेयरधारकों का पैसा डूब गया है.


डाकघर में सेविंग अकाउंट हैं तो हो जाएं अलर्ट- 500 रुपये का मिनिमम बैलेंस जरूरी, नहीं तो कटेगा मेंटनेंस चार्ज


एयर इंडिया पायलट एसोसिएशन का नागरिक उड्डयन मंत्री को पत्र, फौरन बैठक बुलाने की मांग