Clash Of Titans: आ गया ChatGPT का कंपटीटर, फिर होगी इन दो दिग्गज कंपनियों की भिड़ंत
Google Vs Microsoft: गूगल और माइक्रोसॉफ्ट दोनों ने ही आधुनिक समय में इंसानों के जीवन को बेहतर बनाने में अहम योगदान दिया है. अब ये दोनों कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर भारी निवेश कर रही हैं.
टेक जगत पिछले कुछ दशक के दौरान कई मौकों पर भारी-भरकम कंपनियों के बीच टक्कर का गवाह बना है. माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) और ऐपल (Apple) की भिड़ंत हो या सोशल मीडिया के मामले में गूगल (Google) को पछाड़कर फेसबुक (Facebook) का आगे निकल जाना हो, दुनिया ने ऐसे कई मौके देखे हैं. अब एक बार फिर से टेक जगत की दो दिग्गज कंपनियां आपस में टकराने वाली हैं और यह भिड़ंत होने जा रही है हर रोज चर्चा बटोर रहे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की जमीन पर.
ऐसे होने जा रही है बड़ी टक्कर
गूगल और माइक्रोसॉफ्ट दोनों ने ही आधुनिक समय में इंसानों के जीवन को बेहतर बनाने में अहम योगदान दिया है. माइक्रोसॉफ्ट के कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम से लेकर तमाम अन्य सॉफ्टवेयर्स ने दफ्तरों के काम-काज को आसान बनाया, तो गूगल ने कंप्यूटर को लोगों के पॉकेट में डाल दिया और हर किसी के लिए ईमल को एसएमएस जैसा सुलभ बना दिया. अब ये दोनों कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर भारी निवेश कर रही हैं और अगले जमाने का बदलाव लाने की अगुवाई करना चाह रही हैं.
गूगल ने की ओपन एक्सेस की शुरुआत
माइक्रोसॉफ्ट का एआई सिस्टम चैटजीपीटी अब जाना-पहचाना नाम हो चुका है. हर रोज यह अखबारों से लेकर टेलीविजन तक सुर्खियां बटोर रहा है. इसके उभार ने कई सेक्टर्स में नौकरियों का स्वरूप बदल जाने का जोखिम खड़ा कर दिया है. अब माइक्रोसॉफ्ट के एआई सिस्टम चैटजीपीटी को गूगल के एआई बॉट बार्ड से टक्कर मिलने जा रही है. गूगल ने हाल ही में अपने एआई के एक्सेस को ओपन किया है, ताकि लोगों की प्रतिक्रिया मिल सके और वह अपने एआई को पहले से ज्यादा बेहतर बना सके.
सिर्फ इन बाजारों में मिला एक्सेस
हालांकि अभी पूरी दुनिया में गूगल के एआई बॉट बार्ड को एक्सेस नहीं किया जा सकता है. गूगल ने फिलहाल बार्ड को सिर्फ अमेरिकी और ब्रिटिश बाजारों में ओपन किया है. इसका मतलब हुआ कि अभी सिर्फ अमेरिका और ब्रिटेन के यूजर्स की बार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं. कंपनी का कहना है कि वह धीरे-धीरे दुनिया के अन्य बाजारों व अन्य भाषाओं में भी बार्ड का एक्सेस उपलब्ध कराएगी.
अब तक आगे है माइक्रोसॉफ्ट
गूगल ने अपने एआई सिस्टम बार्ड को पिछले महीने उसी समय अनवील किया था, जब माइक्रोसॉफ्ट ने अपने एआई-पावर्ड सर्च इंजन की झलक दिखाई थी. माइक्रोसॉफ्ट का यह सर्च इंजन ओपनएआई के विशाल लैंग्वेज मॉडल पर बेस्ड है, जिसे खास तौर पर सर्च के लिए डिजाइन किया गया है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि माइक्रोसॉफ्ट का एआई सर्च इंजन चैटजीपीटी से ज्यादा पावरफुल है. वहीं दूसरी ओर गूगल के लिए अब तक का सफर ठीक नहीं रहा है. एक प्रमोशनल वीडियो में गूगल के एआई ने गलत जानकारी दे दी थी, जिसके चलते गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट का एमकैप 100 बिलियन डॉलर कम हो गया था.
ये भी पढ़ें: आफत बन गई पाकिस्तान की ये उम्मीद, अब 80 लाख लोगों के बेरोजगार होने का खतरा