नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भारत नाजुक दौर से गुजर रहा है. क्रेडिट एजेंसिंया भारत की जीडीपी में लगातार गिरावट दिखा रही हैं. लोगों के पास बुनियादी सामान खरीदने की क्षमता में कमी आ रही है. वाहन बनाने वाली कंपनियों के वाहन नहीं बिक रहे. लेकिन करोड़ों रुपये सालाना कमानेवाले सीईओ की संख्या में बढ़ोतरी नजर आ रही है. वित्तीय वर्ष 2019 में 22 नये सदस्यों की मिलियन डॉलर सीईओ क्लब में एंट्री देखने को मिली. बाजार में मंदी की आहट के बावजूद ऊंची पगार पाने वाले सीईओ की तादात में पिछले चार सालों से इजाफा ही हो रहा है.


सबसे ज्यादा ऊंची छलांग इंफोसिस के नये सीईओ ने लगाई

आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की तुलना में इस साल 18 फीसद की वृद्धि के साथ सीईओ की संख्या 124 से बढ़कर 146 हो गई. चार सालों की बात करें तो लगातार संख्या में इजाफा ही देखा गया है. 2016 में 119, 2017 में 120, 18 में 124 और 2019 में 146 सीईओ की तादाद हो गई. मिलियन डॉलर सीईओ क्लब में इंफोसिस के नये सीईओ सलील पारेख ने सबसे ऊंची छलांग लगाई. उन्होंने 2018-2019 में 17 करोड़ की आमदनी कमायी.

एक सीईओ का वेतन आम तौर पर मिलियन डॉलर ( सात करोड़ रुपये ) रुपये सालाना होता है. उनकी संख्या पिछले साल की तुलना में 124 से बढ़कर 146 हो गयी है. सीईओ के टोटल कंपन्सेशन में भी थोड़ी बढ़ोतरी देखी गई. 2016 में 2083 करोड़, 2017 में 1979 करोड़, 2018 में 2158 करोड़ और 2019 में 2457 करोड़ रुपये

मिलियन डॉलर पानेवाले सीईओ क्लब का वेतन 14 फीसद वृद्धि के साथ 2158 करोड़ से 2457 करोड़ में रहा. जबकि औसत सीईओ का पैकेज 16.8 करोड़ रहा. मिलियन डॉलर सीईओ क्लब में औरतों की तादाद दो फीसद है.