GST On Turmeric News: जीएसटी की अपीलेट अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (AAAR) महाराष्ट्र ने फैसला दिया है कि सूखी और पॉलिश्ड हल्दी पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा. इसके पहले इस पर महाराष्ट्र की ही अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (GST-AAR) ने निर्देश दिया था कि सूखी और पॉलिश्ड हल्दी को कृषि उत्पाद के तौर पर नहीं देखा जा सकता है ऐसे में उसके ऊपर जीएसटी लगाया जाएगा.
हल्दी पर जीएसटी (GST) को लेकर अब ये नई तस्वीर सामने आई है. जीएसटी अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स (GST-AAR) की महाराष्ट्र बेंच ने व्यवस्था दी थी कि हल्दी एक मसाला (Spice) है जिस पर 5 फीसदी की दर से जीएसटी (Goods & Service Tax) लगेगा. बेंच के सामने यह सवाल रखा गया था कि क्या हल्दी कृषि उत्पाद (Agriculture Product) है जिसे जीएसटी में छूट मिलेगी.
जीएसटी-एएआर ने अपने फैसले में कहा कि किसान हल्दी को पहले उबालते हैं और फिर सुखाने के बाद पॉलिश करके बाजार में बेचते हैं. यह फैसला जीएसटी-एएआर की गुजरात बेंच के फैसले के उलट था. जीएसटी-एएआर के कर्नाटक बेंच ने भी हाल में कहा था कि अंडा (कच्चे रूप में) एक एग्रीकल्चर प्रोडक्ट है जिस पर जीएसटी नहीं लगेगा.
क्या है एग्रीकल्चरल प्रॉड्यूस
जानकारी के मुताबिक ताजा मामले में कमीशन एजेंट नितिन बापूसाहेब पाटिल ने आवेदन किया था. वह एग्रीकल्चरल प्रॉड्यूस मार्केट कमेटी (APMC) के अधिकारी की देखरेख और किसानों तथा ट्रेडर्स की मौजूदगी में नीलामी करता था. अगर नीलामी की कीमत किसानों को मंजूर होती थी तो वह बिचौलिए का काम करता था. इसके लिए उसे एपीएमसी नियमों के मुताबिक ट्रेडर्स से 3 फीसदी कमीशन मिलता था. एएआर को दिए आवेदन में पाटिल ने यह भी जानना चाहा था कि उनकी सर्विसेज को जीएसटी में छूट मिलेगी या नहीं.
28 जून, 2017 के नोटिफिकेशन के मुताबिक कोई भी फसल और पशुपालन (घोड़े को छोड़कर) एग्रीकल्चरल प्रॉड्यूस है. लेकिन इन पर किसी तरह की प्रोसेसिंग नहीं होनी चाहिए जिससे इनके मूल रूप में कोई बदलाव हो. जीएसटी-एएआर ने कहा कि आवेदक यह साबित करने में नाकाम रहा कि किसान अपने खेतों में ही हल्दी पर स्पेशलाइज्ड प्रोसेस करते हैं.
ये भी पढ़ें
पड़ोसी देश पाकिस्तान के लिए बुरी खबर, Asia का तीसरा सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला स्टॉक एक्सचेंज बना