पिछले साल से ही पूरी दुनिया महंगाई (Inflation) की चपेट में है. खासकर खाने-पीने की चीजों की महंगाई (Food Inflation) लोगों की रसोई का बजट बिगाड़ रही है. हर घर में रोज इस्तेमाल होने वाले दूध और दूध से बने उत्पादों की कीमतें (Dairy Products Prices) तो बीते कुछ महीने के दौरान कई बार बढ़ी हैं. परेशानी की बात यह है कि हाल-फिलहाल इनकी कीमतों में राहत की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है.


स्वाद बिगाड़ रही है घी की महंगाई


सरकारी आंकड़े खुद महंगाई की इस बिगड़ी तस्वीर की कहानी बयान कर रहे हैं. सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले छह महीने के दौरान दूध और दूध से बने विभिन्न उत्पादों के दाम तेजी से बढ़े हैं. इनमें भी सबसे ज्यादा महंगाई का असर घी के ऊपर हुआ है. आइस क्रीम और बच्चों के खाने-पीने की चीजों (Baby Foods) जैसे डेयरी उत्पाद भी महंगाई की रेस में बहुत पीछे नहीं हैं.


क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े


मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल अगस्त में घी की खुदरा महंगाई 8.95 फीसदी थी, जो पिछले महीने यानी जनवरी 2023 में 18 फीसदी के पार निकल गई. इसके बाद आइस क्रीम का नंबर रहा, जिसकी खुदरा महंगाई बीते छह महीने में 10.29 फीसदी से बढ़कर 11.07 फीसदी हो गई. इसी तरह जनवरी 2023 में बेबी फूड की खुदरा महंगाई 10.63 फीसदी रही. अन्य डेयरी उत्पादों को देखें तो जनवरी 2023 में दही की खुदरा महंगाई 9 फीसदी, तरल दूध की 8.79 फीसदी, मक्खन यानी बटर की 7.49 फीसदी और दूध पाउडर की 6.86 फीसदी रही.


इतने महीने तक नहीं राहत की उम्मीद


ये तो हुई बीते छह महीने की बात, आने वाले कुछ महीने भी ठीक नहीं रहने वाले हैं. कम से कम उद्योग जगत का तो यही मानना है. प्रमुख डेयरी कंपनी मदर डेयरी के प्रबंध निदेशक मनीष बंदलिश ने एक अखबार को दिए ताजा इंटरव्यू में इस बारे में बात की. उन्होंने कहा कि दूध की कीमतों में तेजी का यह रुख कम से कम इस साल अक्टूबर तक बना रहने वाला है. इसका मतलब हुआ कि आने वाले आठ महीने तक दूध की कीमतों में राहत की उम्मीद नहीं है. अब अगर दूध की कीमतें कम नहीं होंगी, तो दूध से बने डेयरी उत्पादों के दाम भी बढ़ेंगे ही.


इंडस्ट्री के जानकारों की ऐसी है राय


मदर डेयरी के एमडी ही नहीं बल्कि डेयरी इंडस्ट्री के अन्य जानकार भी यही बात दोहराते हैं. दरअसल डेयरी इंडस्ट्री अभी कई चुनौतियों से जुझ रही है. सबसे बड़ी चुनौती है मांग और आपूर्ति के बीच असंतुलन की. इसके अलावा कच्चे दूध की कम उपलब्धता और पशु आहारों की बढ़ी कीमतें भी मुश्किलों को बढ़ा रही हैं. इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि डेयरी सेक्टर में आए इस बदलाव को सामान्य होने में दो से तीन साल का समय लग सकता है. इस इंडस्ट्री को हाल में तेजी से फैली लम्पी बीमारी ने भी परेशान किया है.


रिजर्व बैंक की भी बढ़ सकती है परेशानी


कुल मिलाकर कहें तो बात यह है कि आम लोगों को फिलहाल रसोई का बजट संभालने में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. दूसरी ओर दूध और डेयरी उत्पादों की कीमतों में तेजी का ट्रेंड रिजर्व बैंक और सरकार के लिए भी परेशानी का सबब बन सकता है. रिजर्व बैंक अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई के नियंत्रित हो जाने की उम्मीद कर रहा है. हालांकि दो महीने रिजर्व बैंक के दायरे में आने के बाद जनवरी में खुदरा महंगाई फिर से 6 फीसदी के पार निकल चुकी है. इससे पहले 2022 के पहले 10 महीने के दौरान खुदरा महंगाई 6 फीसदी से ज्यादा ही रही है.