Pakistan Economic Crisis: पड़ोसी देश पाकिस्तान इन दिनों अभूतपूर्व आर्थिक संकटों (Pakistan Economic Crisis) से जूझ रहा है. हालात ऐसे हैं कि पाकिस्तान के बड़े-बड़े शहरों में घंटों बिजली गुल रह रही हैं. आटा हो या दूध या सब्जी, तमाम रोजमर्रा के इस्तेमाल की मूलभूत चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. अब यह संकट और गंभीर हो गया है. इसके कारण पाकिस्तान की सेना के जवान (Pakistan Army Food Crisis) अब भूखे पेट सोने पर मजबूर हो रहे हैं.


कम हो गई मेस की सप्लाई


एक न्यूज चैनल की ताजी रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के मौजूदा आर्थिक संकट का कहर अब सेना के ऊपर गिरने लगा है. यह हाल तब है, जबकि पाकिस्तान में सेना को सरकार से भी ज्यादा मजबूत माना जाता है. खबर के अनुसार, पाकिस्तानी सेना इन दिनों मेस में खाने-पीने की चीजों की कमी से जूझ रही है. देश में अब तक के सबसे बड़े आर्थिक संकट के चलते आर्मी के मेस में खाने-पीने की चीजों की सप्लाई कम कर दी गई है. इससे परेशान होकर कई फील्ड कमांडरों ने जनरल हेडक्वार्टर में क्वार्टर मास्टर जनरल (Quarter Master General / QMG) को लेटर भेजकर शिकायतें की हैं.


पाक आर्मी चीफ तक पहुंची शिकायत


खबर पर यकीन करें तो शिकायतें मिलने के बाद क्वार्टर मास्टर जनरल ने चीफ ऑफ लॉजिस्टिक स्टाफ (Chief of Logistic Staff / CLS)और डाइरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस (Director General Military Operations / DGMO)से इस बारे में चर्चा की है. मामला इस कदर गंभीर हो गया है कि अब पाकिस्तानी सेना के प्रमुख तक भी इसकी बात पहुंच गई है. खुद क्वार्टर मास्टर जनरल और चीफ ऑफ लॉजिस्टिक स्टाफ व डाइरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस ने पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर (Pak Army Chief General Asim Munir) को फूड सप्लाई की दिक्कतों के बारे में बताया है.


फंड में की गई है कटौती


चैनल की खबर में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि पाक सेना अपने जवानों को सही से दो समय का खाना नहीं दे पा रही है. दशकों की सबसे ज्यादा महंगाई और स्पेशल फंड्स में कटौती ने पाक सेना की हालत खराब कर दी है. सूत्र का कहना है, हमने पहले ही जवानों के खाने-पीने के फंड को कम कर दिया है, जिसे 2014 में ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्ब (Operation Zarb-e-Azb) के दौरान जनरल राहिल शरीफ (General Raheel Sharif) ने दोगुना करने की मंजूरी दी थी.


काम-काज पर हो रहा असर


वहीं मिलिट्री ऑपरेशंस के डाइरेक्टर जनरल का कहना है कि सेना अब लॉजिस्टिक्स और खाने-पीने की चीजों की आपूर्ति में ज्यादा कटौती कर पाने की स्थिति में नहीं है. डीजीएमओ के अनुसार, अभी तक की गई कटौती से सीमाई इलाकों में सेना के काम-काज पर असर हो रहा है. सेना के जवानों को पर्याप्त भोजन एवं अधिक फंड की जरूरत है.


उठाए गए हैं ये सारे कदम


आपको बता दें कि लगातार बढ़ते कर्ज के बोझ, कम होता विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) और आसमान छूती महंगाई (Inflation) के चलते पाकिस्तान को ऐसी गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. इसके चलते पूरे देश में खाने-पीने की चीजों की भारी कमी हो गई है. पाकिस्तान की सरकार कर्जों की किस्तें चुकाने में डिफॉल्ट होने से बचने के लिए हर संभव उपाय कर रही है. मित्र देशों और आईएमएफ (IMF) से मदद की गुहार लगाने के अलावा भी पाकिस्तान की सरकार ने कई कदम उठाए हैं. इन कदमों में सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में कटौती, फॉरेन मिशंस की संख्या में कमी, खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के सीक्रेट सर्विस फंड्स पर कैंची, ग्रांट्स पर रोक जैसे उपाय शामिल हैं.