Cryptocurrency: घर-घर से संसद तक बढ़ी क्रिप्टोकरंसी को लेकर हलचल, अगले हफ्ते संसद की वित्त मामलों की समिति में होगी चर्चा
Cryptocurrency: क्रिप्टोकरंसी को भले ही भारत में वैधानिक दर्जा नहीं मिल पाया हो लेकिन तमाम सितारे इसके प्रमोशम में जुट गए हैं. अब संसद की स्थाई समिति में भी इसके फायदे-नुकसान पर होगी चर्चा.
Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के देश में बढ़ते चलन के बाद अब संसद के स्तर पर भी इसे लेकर सक्रियता दिखाई दे रही है. वित्त मामलों की संसद की स्थायी समिति ने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े इंडस्ट्री प्लेयर्स को सोमवार को बातचीत के लिए बुलाया है. इसमें क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े सभी अहम मसलों यानि रिस्क और रिवॉर्ड जैसे मुद्दों पर बात की जाएगी. यह बैठक 15 नवंबर यानी सोमवार को दोपहर 3 बजे से होगी.
जानकारी के मुताबिक सोमवार की इस बैठक में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी चुनौतियों और अवसरों, दोनों के बारे में चर्चा की जाएगी. देश में क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है. क्रिप्टोकरेंसी में ही निवेश बढ़ने से CoinDCX अगस्त में यूनिकॉर्न बन गई थी. इसी तरह अक्टूबर में CoinSwitch kuber भी यूनिकॉर्न बन गई.
बढ़ा निवेश
बिटकॉइन समेत तमाम क्रिप्टोकरेंसियों में निवेश से मिलने वाले हजारों फीसदी के रिटर्न को देखकर निवेशक भी इसकी तरफ आकर्षित होने लगे हैं. हालांकि विशेषज्ञ इससे काफी चिंतित हैं. उनका कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी में निवेश काफी जोखिम भरा है. साथ ही इनमें भारी उतार-चढ़ाव होता है.
क्यों हैं जोखिम
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश इसलिए काफी जोखिम भरा होता है क्योंकि यह इंटरनेट की रहस्यमय दुनिया में चलने वाली ऐसी डिजिटल मुद्राएं होती हैं जिनके न तो मालिक के बारे में जानकारी होती है और न ही स्रोत का पता होता है.
रिजर्व बैंक की चेतावनी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास तो कई बार क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर चेतावनी दे चुके हैं. हाल ही में उन्होंने एक बार फिर कहा है कि क्रिप्टोकरंसी ने आरबीआई के लिए 'गंभीर चिंता' पैदा की है. उनके मुताबिक माइक्रो-इकोनॉमिक संतुलन और वित्तीय स्थिरता, दोनों मोर्चों पर ये क्रिप्टोकरेंसी चिंता पैदा करती है.
नहीं है कोई नीति
दरअसल, क्रिप्टोकरंसी को लेकर देश में कोई नीति ही नहीं है. आरबीआई क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाना चाहता था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत नही दी. सुप्रीम कोर्ट की दलील थी कि इसके लिए केंद्र सरकार कोई नीति लेकर आए. सरकार अभी इस मोर्चे पर कोई कानून भी नहीं बना पाई है.
ऐसे में लोग बिना सोचे समझे, बिना किसी नियम कानून के इसमें निवेश करते जा रहे हैं. अब संसद की स्थाई समिति की बैठक के बाद लगता है कि इसमें सरकार की तरफ से कुछ हरकत आने वाले दिनों में जरूर दिखाई देगी.
ये भी पढ़ें
SBI Credit Card यूजर्स के लिए बुरी खबर, अब EMI ट्रांजेक्शन पर लगेगा 99 रुपये का चार्ज