Petrol Diesel Tax: केंद्र सरकार ने पिछले 3 वित्त वर्षों में सिर्फ पेट्रोल-डीजल पर टैक्स से करीब 8.02 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद को यह जानकारी दी. सरकार ने बताया है कि इस रकम में से अकेले वित्त वर्ष 2020-21 में सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर टैक्स से 3.71 लाख करोड़ रुपये से अधिक जुटाए हैं.
संसद में सरकार से पूछा गया था कि पिछले 3 साल में पेट्रोल और डीजल पर कितना एक्साइज ड्यूटी बढ़ाया गया और इससे सरकार को कितनी आमदनी हुई? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक लिखित जवाब में बताया कि पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 5 अक्टूबर 2018 को 19.48 रुपये थी, जो 4 नवंबर 2021 तक बढ़कर 27.90 रुपये प्रति लीटर हो गई. वित्त मंत्री ने बताया कि इसी अवधि में डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 5.33 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 21.80 रुपये हो गई.
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इस दौरान एक्साइज ड्यूटी में कई बार उतार-चढ़ाव भी देखने को मिला. वित्तमंत्री ने बताया कि पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 5 अक्टूबर 2018 को 19.48 रुपये थी, जो 6 जुलाई 2019 को घटकर 17.98 रुपये हो गई थी. इसी तरह डीजल पर एक्साइज ड्यूटी इस अवधि के दौरान 15.33 रुपये से घटकर 13.83 रुपये हो गई.
इतनी हुई कमाई
पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 2 फरवरी, 2021 तक बढ़ते हुए क्रमशः 32.98 रुपये और 31.83 रुपये हो गई थी और फिर चार नवंबर, 2021 को 27.90 रुपये प्रति लीटर (पेट्रोल) और 21.80 रुपये (डीजल) तक आ गई.
वित्त मंत्री ने ये भी बताया कि पिछले तीन वर्षों के दौरान पेट्रोल और डीजल से जुटाए गए सेंट्रल एक्साइज टैक्स (विभिन्न सेस के सहित) इस प्रकार हैं: वित्त वर्ष 2018-19 में 2,10,282 करोड़, वित्त वर्ष 2019-20 में 2,19,750 करोड़ और वित्त वर्ष 2020-21 में 3,71,908 करोड़ रुपये. इस तरह से सरकार ने इन तीन वित्त वर्षों में पेट्रोल और डीजल पर टैक्स से कुल 8.02 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस साल 4 नवंबर को दिवाली से ठीक पहले सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में क्रमशः 5 रुपये और 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी. इसके बाद कई राज्यों की तरफ से भी पेट्रोल और डीजल पर वैल्यू एडेट टैक्स (VAT) भी घटाने का ऐलान किया गया था.