Printing of New Currency Notes: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार की नए नोट छापने की फिलहाल कोई योजना नहीं है. सीतारमण ने लोकसभा में मानसून सत्र की कार्रवाई के दौरान पूछे गए एक सवाल के जवाब में ये बात कही.
इससे पहले देश के कई इकॉनमी एक्स्पर्ट कोरोना महामारी के चलते देश में उपजे आर्थिक संकट से निपटने के लिए सरकार को नए नोट छापने की सलाह दे चुके हैं. एक्स्पर्ट का सुझाव है कि देश की अर्थव्यवस्था को दोबारा बहाल करने और रोजगार के अवसर बनाए रखने के लिए नए नोट छापे जाने की आवश्यकता है.
फाइनेंशियल एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को लोकसभा की कार्रवाई के दौरान टीएमसी की माला रॉय ने सवाल किया था कि, "क्या वर्तमान आर्थिक संकट से उबरने के लिए सरकार की नए नोट छापने की कोई योजना है." जिसके जवाब में वित्त मंत्री ने कहा, "कोरोना महामारी के दौरान देश में लगे लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है. हालांकि इस से उबरने के लिए फिलहाल केंद्र सरकार की नए नोट छापने की कोई योजना नहीं है."
जीडीपी में 7.3 फीसदी कमी का जताया अनुमान
इसके साथ हीं एक अन्य सवाल के जवाब में वित्त मंत्री सीतारमण ने 2020-21 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.3 फीसदी की गिरावट का अनुमान जताया है. वित्त मंत्री के अनुसार, कोरोना महामारी के दौरान लोगों की आजीविका को बनाए रखने के लिए कई आर्थिक उपाय किए गए थे, जिनके चलते देश की जीडीपी पर विपरीत असर पड़ा है.
उन्होंने कहा, सरकार ने इस दौरान रोजगार निर्माण और आर्थिक विकास को वापिस पटरी पर लाने के लिए आत्मानिर्भर भारत के तहत 29.87 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की थी.