महाराष्ट्र का कराड जनता सहकारी बैंक बंद, आरबीआई ने रद्द किया लाइसेंस, जानें- डिपोजिटरों के पैसा का क्या होगा
आरबीआई ने कहा है कि लाइसेंस रद्द करने के बाद डिपोजिटरों का पैसा लौटाने की प्रक्रिया कर दी जाएगी. बैंक के खत्म होने के साथ ही हर डिपोजिटर पांच लाख रुपये की गारंटी का हकदार हो जाता है.
देश में लगातार बैंकों के फेल होने की खबरों के बीच, आरबीआई ने महाराष्ट्र के कराड जनता सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है. आरबीआई ने इस बैंक का लाइसेंस रद्द करते हुए कहा है कि इसका लाइसेंस 7 दिसंबर 2020 से रद्द कर दिया गया है. इसकी वजह बताते हुए आरबीआई ने कहा कि बैंक के पास न तो पर्याप्त पूंजी है और न आगे इसकी कमाई की संभावना दिख रही है.
बैंक पर डिपोजिट लेने से रोक
लाइसेंस रद्द करने के साथ ही कराड जनता सहकारी बैंक को बैंकिंग कारोबार करने से रोक दिया गया है. बैंक न तो अब लोगों से डिपोजिट ले सकता है और न तुरंत प्रभाव से डिपोजिट के एवज में पैसा अदा कर सकता है. हालांकि आरबीआई ने कहा है कि लाइसेंस रद्द करने के बाद डिपोजिटरों का पैसा लौटाने की प्रक्रिया कर दी जाएगी. बैंक के खत्म होने के साथ ही हर डिपोजिटर पांच लाख रुपये की गारंटी का हकदार हो जाता है. यह गारंटी उसे डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन देता है. हालांकि में मौजूदा नियम और शर्तें लागू होती हैं. आरबीआई ने कहा है कि 99 फीसदी से ज्यादा डिपोजिटरों को उनका पूरा पैसा मिल जाएगा.
बैंक, बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट का पालन करने में नाकाम
आरबीआई ने अपने आदेश में कहा है कि कराड जनता सहकारी बैंक बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट का पालन करने में नाकाम रहा है. अगर इस स्थिति में भी इसे कारोबार करने दिया जाता तो यह डिपोजिटरों और बैंक दोनों के हितों के खिलाफ होता. बैंक की स्थिति ऐसी नहीं थी कि इसे कारोबार जारी रखने की इजाजत दी जाती. अगर बैंक को कारोबार करने की इजाजत दी जाती तो यह जनहित के खिलाफ होता.
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