(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
RBI MPC Meeting: रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक आज से शुरू, 5 अगस्त को आएगी क्रेडिट पॉलिसी, EMI बढ़ने का अनुमान
RBI MPC Meeting Form Today: अनुमान है कि आरबीआई एमपीसी की बैठक में रेपो दर में 0.25 फीसदी से 0.30 फीसदी की वृद्धि कर सकता है. इससे पहले मई में 0.40 फीसदी और जून में 0.50 फीसदी का इजाफा हुआ था.
RBI MPC Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक आज से शुरू हो गई है. रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन की द्विमासिक बैठक तीन अगस्त से पांच अगस्त तक चलेगी. बैठक के नतीजों की घोषणा पांच अगस्त को होगी यानी आरबीआई की क्रेडिट पॉलिसी का एलान पांच अगस्त शुक्रवार को किया जाएगा. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास 5 अगस्त को एमपीसी की बैठक के फैसलों का एलान करने वाले हैं.
क्यों जताया जा रहा है देश में दरें बढ़ने का अनुमान
बैंक ऑफ बड़ौदा के एक रिसर्च पेपर में इस बात की जानकारी दी गई है कि मौजूदा साल (2022) में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 225 आधार अंकों यानी 2.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है. वहीं भारत में इसके मुकाबले देखें तो आरबीआई ने अब तक इस साल 0.90 फीसदी का इजाफा नीतिगत दरों में किया है. इसके आधार पर माना जा सकता है कि आरबीआई के पास अभी भी ब्याज दरें बढ़ाने के पूरे मौके हैं और इनका इस्तेमाल देश का केंद्रीय बैंक कर सकता है.
क्या है ब्रोकरेज हाउस का अनुमान
स्विस ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस सिक्योरिटीज का अनुमान है कि केंद्रीय बैंक एमपीसी की बैठक में रेपो दर में 0.25 फीसदी से 0.30 फीसदी की वृद्धि कर सकता है. बता दें कि इससे पहले मई में 0.40 फीसदी और जून में 0.50 फीसदी का इजाफा आरबीआई ने कर दिया था. इसके बाद रेपो रेट फिलहाल 4.90 फीसदी की दर पर है.
इन मामलों पर आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में चर्चा होगी
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में देश में बढ़ती महंगाई दर को लेकर चर्चा की जाएगी. इसके अलावा मौजूदा आर्थिक परिदृश्य को लेकर एमपीसी के सदस्य विचार-विर्मश करेंगे.
कोरोनाकाल से पहले के स्तर पर आ सकती हैं ब्याज दरें
आरबीआई ने फिलहाल रेपो रेट 4.90 फीसदी कर रखा है जो कोरोनाकाल से पहले की 5.15 फीसदी की दर से 0.25 फीसदी कम है. कोरोनाकाल में देश की अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती का जो सिलसिला चालू रखा था, अब उसे रोका जा रहा है और दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू हो चुका है. मुख्य रूप से आरबीआई का फोकस महंगाई दर को बढ़ने से रोकने पर है और इसके लिए आरबीआई गवर्नर कदम उठा सकते हैं.
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