रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने रेपो रेट को 4% और रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर बनाए रखा है. रेपो रेट में बदलाव न होने का मतलब ये हुआ कि ईएमआई या लोन की ब्याज दरों पर नई राहत नहीं मिलेगी. रेपो रेट में कुछ बदलाव होगा, इस बात की उम्मीद पहले से भी कम थी. अगस्त में भी पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ था. हालांकि फरवरी 2019 से अब तक रेपो रेट में 2.50 फीसदी की बड़ी कटौती हो चुकी है.


"खाद्यान्नों के उत्पादन में बन सकता है नया रिकॉर्ड"
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि एमपीसी ने रेपो रेट को चार फीसदी पर बरकार रखने का फैसला लिया है. गवर्नर ने कहा कि खाद्यान्नों के उत्पादन में देश में नया रिकॉर्ड बन सकता है. मानसून बेहतर रहने और खरीफ फसलों के रबके में इजाफा होने से खाद्यान्नों के उत्पादन में नया रिकॉर्ड बन सकता है.


उन्होंने कहा, 'आरबीआई आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिये उदार रुख बनाए रखेगा. कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारतीय अर्थव्यवस्था निणार्यक चरण में प्रवेश कर रही है. अर्थव्यवस्था में पहली तिमाही में आई गिरावट पीछे छूट चुकी है, स्थिति में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं. अंकुश लगाने के बजाय अब अर्थव्यवस्था को उबारने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है. चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य के दायरे में आ जाने का अनुमान है.'


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