Retirement Saving Scheme: वरिष्ठ नागरिकों का रुझान हमेशा इस बात पर होता है कि उनकी मंथली इनकम होती रहे और सारा खर्चा आराम से चलता रहे. इसे देखते हुए पोस्ट ऑफिस की स्कीम को आसानी से अपनाया जा सकता है. पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम और सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम के बारे में पूरी जानकारी लेने के लिए ये पूरी खबर पढ़ें.


रिटायरमेंट निवेश के लिहाज से पोस्ट ऑफिस की दो स्कीम सबसे अधिक चर्चा में देखी जाती है. इनके नाम हैं पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम या POMIS और सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम या SCSS. दोनों स्कीमों में बेहतर रिटर्न के साथ-साथ टैक्स छूट का भी फायदा मिलता है. जो लोग नौकरी के दौरान इन स्कीम में पैसे निवेश करते हैं उन्हें रिटायरमेंट बाद खर्च के बारे में सोचने की जरूरत नहीं पड़ती. क्योंकि इससे टैक्स बचाने में मदद मिलती है, इसलिए बचा हुआ पैसा आपके काम ही आता है.


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वरिष्ठ नागरिकों को बुढ़ापा में सबसे बड़ी चिंता रोजमर्रा के खर्च की होती है. इस चिंता से निजात पाने के लिए निवेश नौकरी के दौरान ही करना होगा. नौकरी के दौरान खर्च को बुढ़ापा के समय के खर्च से बराबरी करते हुए निवेश को हमेशा ध्यान रखना चाहिए.


कम खतरे वाला रिटर्न


यही वजह है कि कोई भी व्यक्ति रिटायरमेंट के लिए वैसे निवेश में पैसा लगाना चाहता है जो अधिक रिटर्न दे और पैसा डूबने का खतरा भी न रहे. वरिष्ठ नागरिकों का ध्यान हमेशा ऐसी ही बातों पर होता है कि मंथली इनकम होती रहे और खर्च आराम से चलता रहे. इसे देखते हुए पोस्ट ऑफिस की स्कीम आजमाई जा सकती है. पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम और सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम के बारे में आज जानकारी लेते हैं.


मंथली इनकम स्कीम


ये पोस्ट ऑफिस के जरिये यह भारत सरकार द्वारा संचालित सेविंग स्कीम है. इसमें निवेश से हर महीने एक निर्धारित रकम मिलती रहती है और 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट भी. अगर एक व्यक्ति खाता खुलवाता है तो अधिकतम 4.5 लाख रुपये तक सालाना तक जमा किए जा सकते हैं.


संयुक्त खाते में जमा की राशि 9 लाख तक हो सकती है. यह ऐसी स्कीम है जिस पर अधिक ब्याज दिया जाता है. अभी ब्याज दर 6.6 फीसदी की दर से मिल रही है. एक बात ध्यान रखें कि जमा राशि पर टैक्स नहीं लगता लेकिन 5 साल के मैच्योरिटी अवधि में हुई ब्याज की कमाई पर टैक्स लगता है. रिटर्न को आप सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर भी कर सकते हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा फिक्स रिटर्न है जो बाजार की दरों से बिल्कुल भी प्रभावित नहीं होता.


सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम


लंबी अवधि की निवेश की ये स्कीम विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है. इसका लाभ भारत के सभी बैंकों और डाकघरों में उठाया जा सकता है. इस स्कीम में दी जाने वाली ब्याज दर नियमित जमा खातों की तुलना में अधिक होती है. अभी इसमें 7.4 फीसदी की दर से रिटर्न मिल रहा है.


सामान्य सेविंग खाते पर ब्याज दर 2.5 परसेंट के आसपास है. 1.5 लाख रुपये तक की जमा राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता. 500 रुपये से लेकर 1.5 लाख के बीच की कोई भी राशि इस बचत योजना में निवेश की जा सकती है. निवेश के लिए न्यूनतम आयु 58 वर्ष है. इसका मैच्योरिटी पीरियड पांच साल है और इसे केवल एक बार और तीन सालों के लिए बढ़ाया जा सकता है.