साइरस मिस्त्री और रतन टाटा के बीच विवाद ने अब एक और मोड़ ले लिया है. साइरस मिस्त्री और टाटा संस के बीच ताजा विवाद के बाद मिस्त्री के सपोरजी-पलोनजी ग्रुप ने टाटा समूह से दशकों पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है. हालांकि ग्रुप के वैल्यूएशन पर नया विवाद खड़ा हो सकता है. टाटा को इसे 1.78 लाख करोड़ रुपये देने पड़ सकते हैं.


SP ग्रुप ने कहा, 70 साल से यह रिश्ता दोस्ती और विश्वास पर कायम था
सपोरजी-पलोनजी ग्रुप यानी एसपी ग्रुप ने एक बयान में कहा कि अब अलग होने में ही संबंधित पक्षों की भलाई है. इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने एसपी ग्रुप और साइरस मिस्त्री को 28 अक्टूबर तक टाटा संस के शेयर गिरवी रखने या फिर उसे ट्रांसफर करने से रोक दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यथास्थिति बनाए रखने को कहा है. उधर, एसपी ग्रुप ने कहा है कि टाटा संस के पिछले कदमों और बदले की ताजा कार्रवाई से एसपी ग्रुप कम्यूनिटी पर आंच आ रही है. लिहाजा अब अलग होने का समय आ गया है. पिछले 70 साल से यह रिश्ता परस्पर दोस्ती और विश्वास पर टिका था.


एसपी ग्रुप ने लगाया था टाटा ग्रुप पर अड़चनें खड़ी करने का आरोप
टाटा संस में एसपी ग्रुप की 18.37 फीसदी हिस्सेदारी है. कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि टाटा ग्रुप ने टाटा संस में एसपी ग्रुप का हिस्सा खरीदने की पेशकश की है ताकि उसे पैसे जुटाने और कर्ज चुकाने में मदद मिले. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है.


इससे पहले एसपी ग्रुप ने टाटा संस के बोर्ड सदस्यों के खिलाफ नोटिस भेज कर आरोप लगाया था कि वे फंड जुटाने में अड़चन डाल रहे हैं. शपोरजी पलोनजी ग्रुप पहले ही कर्ज न चुका पाने की वजह से मुश्किलों से घिर हुआ है. शपोरजी पलोनजी ग्रुप से जुड़े एक आला अधिकारी ने बताया था कि टाटा संस के बोर्ड मेंबर मिस्त्री परिवार को टाटा संस के शेयर बेचकर फंड जुटाने में मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं.  ग्रुप ने कहा था मिस्त्री ग्रुप टाटा संस में अपनी शेयरहोल्डिंग बेचकर क्यों फंड नहीं जुटा सकते और वो इसमें क्यों अड़चन डाल रहे हैं.


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