(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
SBI Report: EMI से अभी नहीं मिलेगी राहत, जानिए क्यों कहा जा रहा है कि RBI रेपो दर में होगी 0.75% की वृद्धि
EMI increase: भारतीय स्टेट बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले दिनों में EMI पर और दबाव देखने को मिलेगा. जून और अगस्त की क्रेडिट पॉलिसी में रिजर्व बैंक झटका देखा.
SBI Report On EMI: बढ़ती महंगाई (Inflation) के बीच कर्ज की किस्त (EMI) में बढ़त से फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अगस्त तक रेपो रेट में फिर बढ़ोतरी करेगा. एसबीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त तक केंद्रीय बैंक रेपो रेट में 75 बीपीएस यानी 0.75 पर्सेंट की बढ़ोतरी करेगा. जून में इस वित्तवर्ष की दूसरी और अगस्त में तीसरी बैठक होने का अनुमान है.
विशेषज्ञ कहते हैं जून में 0.25 पर्सेंट और अगस्त में 0.50 पर्सेंट तक रेपो रेट को बढ़ाया जा सकता है. इससे आपकी लोन की किस्त में अच्छा खासा इजाफा होगा. इसी के साथ रिजर्व बैंक नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में भी 0.50 पर्सेंट की बढ़ोतरी कर सकता है. हालांकि इससे आप को जमा पर ज्यादा ब्याज मिलेगा.
आरबीआई ने मई में बिना तय बैठक में अचानक ही रेपो रेट में 0.40 पर्सेंट और सीआरआर में 0.50 पर्सेंट की बढ़ोतरी कर दी थी.
रेपो रेट 5.25 हो जाएगा
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि आरबीआई रेपो रेट को बढ़ाकर 5.25 पर्सेंट तक करेगा. यह अभी 4.5 पर्सेंट पर है. अगस्त के बाद दरों को बढ़ाने का मामला थोड़ा धीमा पड़ सकता है. उनका कहना है कि इस आधार पर होम लोन पर ब्याज दर 8.5 पर्सेंट तक जा सकता है.
इसका मतलब है कि मकानों की बिक्री में गिरावट आएगी. स्टेट बैंक के मुख्य आर्थिक सलाहकाल सौम्य कांति घोष कहते हैं कि आरबीआई को किसी भी हालत 1.25 पर्सेंट से ज्यादा रेपो रेट में बढ़ोतरी नहीं करना चाहिए. इसमें से 0.40 पर्सेंट पहले ही बढ़ चुका है.
कितना हो जाएगी किस्त?
अगर जून में रेपो रेट 0.25 पर्सेंट बढ़ता है तो 20 साल के लिए 30 लाख के लोन पर मासिक 800 रुपये करीबन किस्त बढ़ेगी. जबकि अगस्त में अगर रेपो रेट 0.50 पर्सेंट बढ़ता है तो सीधे-सीधे आपकी किस्त महीने में 1500 रुपये बढ़ जाएगी. अगर मई के रेपो रेट से देखें तो अगस्त तक मासिक किस्त पर करीबन 3,000 रुपये का असर होगा.
सितंबर तक महंगाई 7 पर्सेंट ही
रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि महंगाई की दर सितंबर तक 7 पर्सेंट तक बनी रहेगी. उसके बाद यह 6.5 से 7 पर्सेंट के दायरे में रह सकती है. एसबीआई के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्यकांति घोष ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने महंगाई जैसे कारक को हर तरह से प्रभावित किया है.
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