SVB Collapse: अमेरिका के सबसे बड़े बैंकों में से एक सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) की असफलता का व्यापक असर दिखने लगा है. यह न सिर्फ बैंकिंग जगत के लिए बड़ा संकट है, बल्कि इससे कई अन्य सेक्टर्स भी गहरे प्रभावित होने वाले हैं. संकट से प्रभावित होने वालों में स्टार्टअप्स की भी अच्छी-खासी संख्या है. इनके सामने अपने कर्मचारियों को वेतन देने का संकट खड़ा हो गया है.


पेरॉल की प्रोसेसिंग पर असर


ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, सिलिकॉन वैली बैंक के असफल होने के बाद कई स्टार्टअप फाउंडर्स को इस बात की चिंता सता रही है कि वे अब अपने कर्मचारियों को सैलरी कैसे देंगे. पेरॉल सर्विस देने वाली कंपनी रिपलिंग ने शुक्रवार को अपने ग्राहकों को इस बारे में बताया कि एसवीबी उसे पेमेंट हैंडल करने में मदद कर रही थी. इस कारण अब कुछ पेरॉल प्रोसेसिंग रुक गई है.


दिखने लग गया है असर


रिपलिंग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पार्कर कोनार्ड ने शुक्रवार को सिलिकॉन वैली बैंक के कोलैप्स होने की खबर सामने आने के बाद इसे लेकर एक ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी ने एसवीबी के कोलैप्स के बाद जेपी मॉर्गन चेस की मदद ली है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. कई पेचेक पहले ही एसवीबी के पास भेजे जा चुके हैं और इनका भुगतान बाकी है. रिपलिंग अभी भी यह समझने का प्रयास कर रही है कि एसवीबी के कोलैप्स होने का क्या असर होगा.


बड़े स्तर पर छंटनी संभव


वहीं स्टार्टअप फाउंडर ब्रैड हरग्रीव्स ने इस घटना के चलते बड़े स्तर पर छंटनी की आशंका जाहिर की. उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियां अगले सप्ताह पेरॉल भुगतान करने में सक्षम नहीं होंगी. चूंकि बोर्ड्स ऐसे कर्मचारियों को नौकरी पर रखने को लेकर काफी संवेदनशील हैं, इस कारण सोमवार को और बाद में बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां जा सकती हैं.


शुक्रवार को नहीं निकले पैसे


अर्ली एज स्टार्टअप रेफिबर्ड की सीईओ सारिका बजाज ने बताया कि वह पिछले तीन साल से सिलिकॉन वैली बैंक की ग्राहक हैं. उनकी कंपनी का ज्यादातर फंड एसवीबी के पास ही जमा है. बजाज ने बताया कि वह कैलिफोर्निया के सैंड हिल रोड पर स्थित सिलिकॉन वैली बैंक ब्रांच में शुक्रवार को गई थी. उन्होंने पैसे निकालने का प्रयास किया पर नहीं निकाल पाईं. अब उन्हें अपने और अपनी टीम के दो सदस्यों के पेरॉल की चिंता सता रही है.


इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि दर्जनों नई टेक कंपनियों ने अपना ज्यादातर फंड सिलिकॉन वैली बैंक में जमा किया हुआ है. अब बैंक के कोलैप्स ने इनके सामने संकट खड़ा कर दिया है.


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