कोरोनावायरस संक्रमण के इस दौर में सोने के साथ चांदी के दाम भी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी में तेजी की वजह से घरेलू बाजार में भी इसके दाम बेतहाशा बढ़ रहे हैं. मंगलवार को घरेलू बाजार में चांदी के दाम बढ़ कर 66,500 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गए.एक्सपर्ट्स का मानना है  दिवाली तक चांदी एक लाख रुपये प्रति किलो तक भी पहुंच सकती है.


औद्योगिक गतिविधियां तेज होने से बढ़ी चांदी की कीमत 


दरअसल लॉकडाउन के बाद औद्योगिक गतिविधियों में आई तेजी की वजह से चांदी के दाम में तेज इजाफा हो रहा है. सोलर उद्योग समेत अर्थव्यवस्था के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर से जुड़ी कई निर्माण गतिविधियों में चांदी का इस्तेमाल होता है. इसलिए मैन्यूफैक्चरिंग के रफ्तार पकड़ने के साथ ही चांदी के दाम में तेज इजाफा देखने को मिल रहा है.कमोडिटी एक्सचेंज में मंगलवार को चांदी के दाम 24.30 डॉलर प्रति औंस उछल गए. 2016 के बाद यह सबसे बड़ी उछाल थी.


एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंटरनेशनल मार्केट में चांदी के दाम में तेजी की वजह से घरेलू बाजार में इसके दाम बढ़ रहे हैं. चीन में औद्योगिक मांग में तेजी की वजह से चांदी की खपत बढ़ रही है. 2013 के बाद चांदी के दाम में यह तेजी दिख रही है. आने वाले वक्त में इसमें और तेज इजाफा दिख सकता है. इस बीच,गोल्ड में भी लगातार तेजी आ रही है. भारतीय बाजार में सोना 53 हजार रुपये प्रति दस ग्राम का स्तर छू चुका है. आर्थिक अनिश्चिततताओं को देखते हुए सुरक्षित निवेश के तौर पर निवेशकों ने गोल्ड में निवेश जारी रखा है. हालांकि महंगा होने की वजह से गोल्ड की रिटेल मांग घट गई है. महंगा होने की वजह से ज्वैलरी की बिक्री भी घटी है. बाजार अनुमानों के मुताबिक इस साल के अंत तक सोना 59 हजार रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच सकता है.