वोडाफोन आइडिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सर्वोच्च अदालत ने इनकम टैक्स विभाग को कहा है कि वह कंपनी को 833 करोड़ रुपये का रिफंड दे. बॉम्बे हाई कोर्ट ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को कहा था कि वह वोडाफोन आइडिया लिमिटेड को 833 करोड़ रुपये लौटा दे. विभाग ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन उसने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बुधवार को वोडाफोन आइडिया के शेयर 2.65 फीसदी उछल कर 8.53 रुपये पर पहुंच गए.यह दूसरी बार है, जब आयकर विभाग वोडाफोन को रिफंड देगा. इससे पहले 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने आयकर विभाग को कंपनी को 733 करोड़ रुपये लौटाने को कहा था.
कंपनी पर 50 हजार करोड़ से ज्यादा का एजीआर बकाया
आयकर विभाग और वोडाफोन के बीच टैक्स देनदारी को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है. लेकिन इस बीच, 833 करोड़ की वापसी के फैसले से कंपनी को बड़ी राहत मिली है क्योंकि यह गहरे आर्थिक संकट में फंसी हुई है. कंपनी को 50,400 करोड़ रुपये का एजीआर अदा करना है. वोडाफोन ने असेसमेंट ईयर 2014-15 से लेकर 2017-18 तक 4,759 करोड़ रुपये का रिफंड मांगा था. लेकिन आयकर विभाग ने यह कह कर पैसा रोक लिया था कि कंपनी को अभी भी अपना बकाया चुकाना है.
आयकर विभाग के साथ 20 हजार करोड़ का टैक्स विवाद
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि आयकर विभाग भविष्य की देनदारी के आधार पर रिफंड नहीं रोक सकता. वोडाफोन आइडिया का आयकर विभाग से 20,000 करोड़ रुपये का टैक्स विवाद चल रहा है. विभाग का कहना है कि 2007 में हचिसन खरीद सौदे में वोडाफोन आइडिया पर 20 हजार करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी बनती है. यह मामला इंटरनेशल आर्बिट्रेशन में हैं. वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने कहा है उसे एजीआर बकाया चुकाने के लिए 15 साल का वक्त दिया जाए. अगर उससे तुरंत पैसा लिया जाएगा तो कंपनी बंद करनी पड़ेगी.