दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका के सामने एक बार फिर से मंदी का खतरा मंडरा रहा है. हाल ही में आए रोजगार के चिंताजनक के आंकड़ों से बाजार हिल गया था. अब एक्सपर्ट भी मंदी के आसन्न खतरे को लेकर आगाह कर रहे हैं और बता रहे हैं कि संकट को टालने के लिए अमेरिकी सेंट्रल बैंक को जल्द ब्याज दरों में कटौती का फैसला लेना पड़ेगा.


इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट ने दी ये हिदायत


इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट फर्म deVere Group के सीईओ निगेल ग्रीन का कहना है कि अगर अमेरिका को आसन्न आर्थिक मंदी की चपेट में आने से बचना है तो अमेरिकी सेंट्रल बैंक को ब्याज दरें कम करने का फैसला लेना होगा. मिंट पर छपे एक आर्टिकल में वह कहते हैं- अगर फेडरल रिजर्व सितंबर में 50 बेसिस पॉइंट यानी 0.50 फीसदी की बड़ी कटौती नहीं करता है तो मंदी का खतरा बढ़ जाएगा.


फेडरल रिजर्व पर बढ़ा कटौती का प्रेशर


ग्रीन की यह चेतावनी ऐसे समय आई है, जब आर्थिक आंकड़ों में अमेरिकी की अर्थव्यवस्था के सामने बढ़ रही चुनौतियां लगातार सामने आ रही हैं. उसके चलते अमेरिकी सेंट्रल बैंक के ऊपर ब्याज दरें कम करने का प्रेशर बढ़ रहा है.


23 साल के उच्च स्तर पर हैं ब्याज दरें


अमेरिका में ब्याज दरें अभी दो दशक से ज्यादा के उच्च स्तर पर हैं. फेडरल रिजर्व ने जुलाई में हुई एफओएमसी (फेडरल ओपन मार्केट कमिटी) बैठक में लगातार आठवीं बार ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया. बेंचमार्क इंटेरेस्ट रेट अभी 5.25-5.50 फीसदी के स्तर पर है. यह बेंचमार्क रेट का बीते 23 साल का सबसे ऊंचा स्तर है.


फेड रिजर्व के चेयरमैन ने दिए ये संकेत


यूएस फेड ने इस साल के अंत तक ब्याज दरों में कटौती शुरुआत करने का इशारा किया है. फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा था कि अगर महंगाई का प्रेशर कम होते रहता है तो सेंट्रल बैंक ब्याज दरों में कमी कर सकता है. अमेरिकी सेंट्रल बैंक की एफओएमसी की अगली बैठक सितंबर महीने में होने जा रही है. अगर सितंबर की बैठक में ब्याज दरों को कम किया जाता है तो वह 4 साल में अमेरिका में ब्याज दर की पहली कटौती होगी.


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