सब्जियों के दाम ने रसोई का बजट बिगाड़ा, हरी सब्जियां 80 के पार
एक-दो सप्ताह की थोड़ी नरमी के बाद सब्जियों के दाम ने फिर ऊंची छलांग लगाई है. दिल्ली की सबसे बड़ी सब्जी मंडी आजादपुर में हरी सब्जियों के दाम तेजी से बढ़ते दिखे. सब्जियों की थोक कीमतों में 20 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दिखी. इससे खुदरा दुकानों में सब्जियों के दाम और बढ़ गए. हरी सब्जियों के दाम 80 रुपये तक पहुंच गई है. पालक साग 50 से 60 रुपये किलो बिक रहा है.
आलू-टमाटर के दाम में नरमी नहीं
खुदरा दुकानदारों के यहां कोई भी हरी सब्जी 40-50 रुपये किलो से कम नहीं है. टमाटर के दाम में तो कोई नरमी दिख ही नहीं रही है. अभी भी यह 50-60 रुपये के रेंज में ही चल रहा है. वहीं आलू 35 से 45 रुपये किलो बिक रहा है. दिल्ली-एनसीआर में टमाटर की जितनी खपत है उसका दस फीसदी भी बाजार में नहीं पहुंच रहा है. वहीं आलू और प्याज की कीमतों में भी राहत नहीं दिख रही है. आलू 40 रुपये किलो बिक रहा है जबकि प्याज 30 से 35 रुपये किलो.
कई राज्यों में बाढ़ से सप्लाई में दिक्कत
बारिश के सीजन में सब्जियों के दाम में तेजी देखने को मिलती है लेकिन इस बार मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात में बाढ़ और कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से सप्लाई पर बहुत ज्यादा असर पड़ा है. इससे सब्जियों और खास कर हरी सब्जियों के दाम में तेज उछाल दर्ज की जा रही है. दिल्ली-एनसीआर के खुदरा मार्केट में आलू 40, प्याज 35 से 40 टमाटर 50 से 70, लौकी 40, पालक 50 रुपये किलो तक बिक रहा है.
अरबी, लौकी, परवल, शिमला मिर्च, खीरा जैसी मौसमी सब्जियों के दाम भी बेकाबू हैं. बारिश की वजह से देश के कई इलाकों में तैयार सब्जी की फसल खराब हुई है. वहीं जो सब्जियां तैयार थीं वो भी बाढ़ के कारण मंडियों में नहीं आ पा रही हैं. थोक मंडियों में कारोबार करने वाले कारोबारियों का कहना है कि अभी सब्जियों की कीमत में तेजी बनी रहेगी.
कोरोना की मार: NPS के सब्सक्राइवर्स की संख्या दो साल में सबसे कम हुई
खत्म होने वाला है IPO का सूखा, 7500 करोड़ रुपये जुटाने बाजार में उतरेंगी छह कंपनियां