भारतीय अर्थव्यवस्था कर बढ़ने की रफ्तार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में नरम पड़ गई है. हाल ही में जारी आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि पहली तिमाही में ग्रोथ रेट 15 महीने में सबसे कम रही. उसके बाद भी वर्ल्ड बैंक को यकीन है कि पूरे वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर शानदार रहने वाली है. इस उम्मीद में उसने भारत की ग्रोथ रेट के अनुमान को बढ़ा दिया है.
पूरे वित्त वर्ष में 7 फीसदी ग्रोथ रेट का अनुमान
विश्वबैंक ने मंगलवार को जारी नए अनुमान में उम्मीद जताई है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7 फीसदी रह सकती है. इससे पहले वर्ल्ड बैंक ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 6.6 फीसदी की दर से आगे बढ़ सकती है. उसने साथ में यह भी कहा है कि मध्यम अवधि में भारत की आर्थिक वद्धि मजबूत रहने वाली है.
पहली तिमाही में इतनी रही आर्थिक वृद्धि दर
वर्ल्ड बैंक का यह अनुमान पहली तिमाही के आधिकारिक आंकड़ों के कुछ ही दिन बाद आया है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के द्वारा जारी पहले एडवांस एस्टिमेट में ग्रोथ रेट 6.7 फीसदी रही है. जून 2024 की तिमाही में भारत की 6.7 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर पिछले 15 महीने में सबसे कम है. हालांकि रिजर्व बैंक ने अनुमान दिया था कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.1 फीसदी रहने वाली है.
चुनाव के कारण सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था
पहली तिमाही में वृद्धि दर सुस्त पड़ने के पीछे चुनाव को मुख्य कारण बताया जा रहा है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की मानें तो जून तिमाही में चुनावी आचार संहिता के लागू रहने से सरकारी खर्च पर असर पड़ा. दूसरी ओर कृषि सेक्टर की ग्रोथ रेट कम रही. इससे ओवरऑल ग्रोथ रेट पर असर पड़ा. साथ ही उन्होंने कहा था कि आने वाली तिमाहियों में वृद्धि दर सुधरने वाली है. सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने भी पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट कम होने के लिए चुनाव को जिम्मेदार बताया है.
नोमुरा ने घटा दिया ग्रोथ रेट का अनुमान
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए जीडीपी के आधिकारिक आंकड़े जारी होने के बाद कई एजेंसियों व संस्थाओं ने पूरे वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ रेट के अनुमान को संशोधित किया है. अन्य एजेंसियों को देखें तो नोमुरा ने पहली तिमाही में ग्रोथ रेट कम रहने के बाद पूरे वित्त वर्ष के अनुमान को 6.9 फीसदी से घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया है. गेल्डमैन सैश और जेपी मॉर्गन ने अपने अनुमान को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा है.
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