नई दिल्लीः पीएनबी में 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच कर रहे ईडी को यहां की एक विशेष अदालत ने अनुरोध पत्र एलआर भेजने की अनुमति दे दी है. पंजाब नेशनल बैंक में 11,400 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच कर रहे ईडी ने मुंबई की अदालत से अनुरोध पत्र (एलआर) जारी करने की अपील की थी.
ईडी इसके जरिए हीरा कारोबारी नीरव मोदी के विदेशी कारोबार और संपत्तियों के बारे में विभिन्न देशों की सरकारी एजेंसियों के जरिए जानकारी हासिल करने के लिए एलआर जारी कराना चाहता था. पीएनबी घोटाले में नीरव मोदी मुख्य अभियुक्त है. ईडी और अन्य एजेंसियां उसकी जांच कर रही हैं.
मनी लांड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) अदालत के सामने ईडी ने अपनी अपील में पीएमएलए कानून के तहत अनुरोध पत्र जारी करने का अनुरोध किया था. ईडी ने कहा कि इससे उसे हांगकांग, अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण अफ्रीका और सिंगापुर में अपराध की कमाई जब्त करने के साथ दस्तावेज और सबूत जुटाने में मदद मिलेगी.’’ अनुरोध पत्र एक देश की अदालत द्वारा दूसरे देश की अदालत को जारी किया जाता है.
जस्टिस एम एस आजमी ने आज विशेष सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर की दलीलों को सुना. ईडी ने अदालत को बताया कि नीरव मोदी ने कई कंपनियां बनाई हैं.
ईडी ने अदालत में अपनी अपील में कहा कि नीरव मोदी ने अपना कारोबार अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई, दक्षिण अफ्रीका और सिंगापुर तक फैलाया हुआ है. उसने अपनी कंपनियों के लिए पंजाब नेशनल बैंक से समूह की कंपनियों के पक्ष में कई गारंटी-पत्र (एलओयू) हासिल किए जिसमें पीएनबी की ओर से भेजे गए स्विफ्ट (सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशंस) संदेशों के जरिये उसकी कंपनियों को कर्ज मिला. एजेंसी के अनुसार बाद में बैंक ने पाया कि ये एलओयू फर्जी तरीके से हासिल किए गए और बैंक के रिकार्ड में उनका उल्लेख नहीं था.
ईडी ने कहा कि अपनी धोखाधड़ी और साजिश की गतिविधि के जरिये उसने 6498 करोड़ रुपये की अपराध की कमाई जुटाई. आवेदन में कहा गया है कि उसकी अपराध की कमाई का कुछ हिस्सा विदेशों में रखा हुआ है. सीबीआई ने 31 जनवरी को नीरव मोदी और उसकी कंपनियों और एक ज्वैलर मेहुल चोकसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. बाद में ईडी ने भी इस मामले की जांच शुरू की.