ED का एक्शनः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म्स रेजरपे, पेटीएम और कैशफ्री के बेंगलुरु स्थित परिसरों पर छापेमारी की गई है. ईडी ने शनिवार को कहा कि चीनी नागरिकों के 'नियंत्रण' वाले ऐप बेस्ड फास्ट लोन एलोकेशन में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में ये छापे मारे गए. जांच एजेंसी ने बताया कि तलाशी का यह अभियान कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में स्थित इन कंपनियों के परिसरों में शुक्रवार को शुरू हुआ था.


ED ने जांच के बारे में क्या जानकारी दी
ईडी ने एक बयान में कहा, "चीन के व्यक्तियों के नियंत्रण या परिचालन वाले रेजरपे प्राइवेट लिमिटेड, कैशफ्री पेमेंट्स, पेटीएम पेमेंट सर्विस लिमिटेड और अन्य कंपनियों में तलाशी की कार्रवाई की गई."प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि छापेमारी में चीन के व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित इन कंपनियों के "मर्चेंट आईडी और बैंक खातों" में जमा 17 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं. एजेंसी ने आरोप लगाया कि ये कंपनियां भारतीय नागरिकों के फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके उन्हें फर्जी तरीके से डायरेक्टर बनाती हैं जबकि इन कंपनियों का नियंत्रण और परिचालन चीन के लोग करते हैं. इसके अलावा जांच के दायरे में आई ये कंपनियां भुगतान सेवा कंपनियों और बैंकों से जुड़ी मर्चेंट आईटी या खातों का इस्तेमाल करके अपराध का धन जुटा रही थीं और इन कंपनियों ने जो पते दिए थे, वे भी फर्जी हैं.


पेटीएम ने क्या कहा
इस संदर्भ में पेटीएम के प्रवक्ता ने कहा, "हम कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहे हैं. कुछ मर्चेंट उनकी जांच के दायरे में हैं, जिनके बारे में एजेंसियों ने हमसे जानकारी मांगी थी." रेजरपे और कैशफ्री ने भी कहा कि वे जांच एजेंसी के साथ पूरा सहयोग कर रही हैं.


रेजरपे ने क्या कहा
रेजरपे के प्रवक्ता ने कहा, "हमारे कुछ मर्चेंट की लगभग डेढ़ साल पहले कानून प्रवर्तन ने जांच की थी. इस बारे में चल रही जांच के सिलसिले में अधिकारियों ने हमसे अतिरिक्त जानकारी मांगी. हमने पूरा सहयोग किया और केवाईसी और अन्य विवरण उन्हें दे दिए. इससे अधिकारी संतुष्ट हुए."


कैशफ्री ने क्या कहा
वहीं कैशफ्री पेमेंट्स ने कहा कि ईडी के अभियान में पूरा सहयोग दिया गया और जांच के दिन ही उन्हें आवश्यक जानकारी दी गई.


ऑनलाइन लोन देने वाली एप्स पर ईडी की नजर
ऑनलाइन भुगतान सेवाएं देने वाली कंपनियां कोविड-19 का प्रकोप शुरू होने के वक्त यानी 2020 से ही ईडी की निगाह में हैं. दरअसल कई राज्यों से कर्ज लेने वाले ग्राहकों की आत्महत्या के मामले सामने आए थे जिसके बाद ईडी ने धन शोधन रोकथाम कानून- (पीएमएलए) के तहत जांच शुरू की थी. पुलिस ने भी कहा था कि कर्ज ऐप कंपनियां कर्ज लेने वाले लोगों को डराती-धमकाती हैं.


ये भी पढ़ें


Indian Economy: भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, आर्थिक एक्सपर्ट्स को है भरोसा


Petrol Diesel Price: पेट्रोल डीजल के दाम आज कम हुए या बढ़ गए भाव, आपके शहर के फ्यूल रेट से जानें