Edible Oil Price: रूस-यूक्रेन वॉर के बीच विदेशी बाजारों में तेजी का माहौल रहने की वजह से सरसों, सोयाबीन, पामोलीन, सीपीओ, मूंगफली समेत सभी तेल की कीमतों में सुधार देखने को मिला है. खाद्य तेलों की मांग में इजाफा हुआ है, जिसकी वजह से कीमतों में भी सुधार देखने को मिला है. 


बढ़ सकता है खाद्य तेलों का संकट
जंग के माहौल के बीच सूरजमुखी, रेपसीड, मक्का जैसी फसलों की बुआई प्रभावित होने के आसार हैं, जिससे आने वाले दिनों में खाद्यतेलों का संकट और बढ़ सकता है इसलिए इन समस्याओं से बाहर निकलने के एक रास्ता घरेलू स्तर पर तेल तिलहन उत्पादन बढ़ाना ही हो सकता है.


हो सकती है छापेमारी
सूत्रों के मुताबिक, अधिकारियों की यह राय हो सकती है कि खाद्य तेलों की जमाखोरी रोकने के लिए छापेमारी कारगर कदम साबित होगा, लेकिन इस अहम बात की ओर ध्यान देने की जरुरत है कि कोई भी कारोबारी मनमाफिक मात्रा में सोयाबीन, पामोलीन जैसे खाद्य तेलों का आयात कर सकता है और देशी तेलों के दाम आयातित तेलों के मुकाबले सस्ते हैं. ऐसे में कोई आयातित तेलों की जमाखोरी करने की जहमत क्यों उठायेगा?


सरसों की आवक हो रही है कम
सूत्रों ने कहा कि इस बार सरसों की आवक भी कम हो रही है और ज्यादातर किसान इसे सही कीमत मिलने के इंतजार में अपने पास स्टॉक कर रहे हैं. पिछले साल अप्रैल में सरसों की आवक 10-12 लाख बोरी की थी जो इस बार घटकर लगभग पांच लाख बोरी ही रह गई है.


सरसों की हो रही रिकॉर्ड पेराई
सूत्रों ने कहा कि पहली बार सरसों की रिकॉर्ड पेराई हो रही है क्योंकि यह अभी सबसे सस्ता है. हरियाणा सहित कई राज्यों में प्रचूर मात्रा में सरसों से रिफाइंड बनाये जा रहे हैं. ऐसा मौका आया है जब सरसों तेल और सरसों रिफाइंड का भाव पामोलीन तेल से भी कम है. 


देशी तेल हैं सस्ते
पामोलीन का भाव 162 रुपये किलो है जबकि सरसों तेल का भाव 150 रुपये किलो और सरसों रिफाइंड का भाव 154 रुपये किलो है. सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा बड़ी तेल कंपनियां विदेशों से किलो के भाव खरीदती हैं और यहां उसी तेल को लीटर के भाव (यानी प्रतिकिलो के 1,000 ग्राम के स्थान पर 912 ग्राम) पर बेचती हैं. सूत्रों के मुताबिक, आयातित तेलों के मुकाबले देशी तेल कहीं सस्ते हैं और इसलिए देशी तेलों की मांग है. आयातित तेलों के भाव ऊंचा होने की वजह से देशी तेल तिलहनों की खपत बढ़ रही है. 


आइए चेक करें क्या हो गए तेल के लेटेस्ट रेट्स-



  • सरसों तिलहन - 7,490-7,540 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल

  • मूंगफली - 6,800 - 6,895 रुपये प्रति क्विंटल

  • मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,750 रुपये प्रति क्विंटल

  • मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,610 - 2,800 रुपये प्रति टिन

  • सरसों तेल दादरी- 15,000 रुपये प्रति क्विंटल

  • सरसों पक्की घानी- 2,370-2,445 रुपये प्रति टिन

  • सरसों कच्ची घानी- 2,420-2,520 रुपये प्रति टिन

  • तिल तेल मिल डिलिवरी - 17,000-18,500 रुपये प्रति क्विंटल

  • सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 16,850 रुपये प्रति क्विंटल

  • सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 16,300 रुपये प्रति क्विंटल

  • सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 15,300 रुपये प्रति क्विंटल

  • सीपीओ एक्स-कांडला- 14,200 रुपये प्रति क्विंटल

  • बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 15,600 रुपये प्रति क्विंटल

  • पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 16,250 रुपये प्रति क्विंटल

  • पामोलिन एक्स- कांडला- 15,000 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल

  • सोयाबीन दाना - 7,775-7,825 रुपये प्रति क्विंटल

  • सोयाबीन लूज 7,475-7,575 रुपये प्रति क्विंटल

  • मक्का खल (सरिस्का) 4,000 रुपये प्रति क्विंटल


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