Relief From High Edible Oil Price Likely: महंगे खाने के तेल के दामों (Edible Oil Price) से आम लोगों को राहत मिल सकती है. देश में जल्द ही खाद्य तेलों की कीमतें कम हो सकती है. इंटरनेशनल मार्केट में खाने के तेल के दाम कम हुए, जिसके बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि देश में खाने के तेल के दामों में कमी आ सकती है.
तेल की कीमतों में आएगी गिरावट
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा के मुताबिक विदेशी बाजारों में तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है. जिसका फायदा घरेलू मार्केट में देखने को मिल सकता है. उम्मीद है कि आने वाले समय में खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट आ सकती हैं.
विदेशी बाजारों में घटे दाम
हाल ही के दिनों में विदेशी बाजारों में खाद्य तेल की कीमतें कम हुई हैं. लेकिन उसके मुताबिक घरेलू बाजार में दाम कम नहीं हुए हैं. देश में सर्दी और शादियों में मांग में तेजी को देखते हुए घरेलू बाजारों में खुदरा कीमतों में राहत नहीं मिली है. लेकिन आने वाले समय में दाम कम हो सकते हैं.
घरेलू बाजार में नहीं कम हुए दाम
खुदरा और थोक बाजार में सूरजमुखी और सोयाबीन तेल आयात भाव के मुकाबले भारी अंतर से महंगे बिक रहे हैं. सूरजमुखी तेल का भाव 25 प्रतिशत ऊंचे में मिल रहा है, जबकि सोयाबीन तेल लगभग 10 प्रतिशत ऊंचा बिक रहा है. विदेशी बाजारों में सूरजमुखी तेल, सोयाबीन तेल से 35 डॉलर प्रति टन नीचे हो गया है. सूरजमुखी तेल में तेजी का कारण इसके स्थानीय उत्पादन का नहीं होना और कोटा प्रणाली की वजह से आयात पर्याप्त मात्रा में नहीं होना है. ऐसे में सप्लाई में कमी के चलते सोयाबीन तेल लगभग 10 प्रतिशत महंगा बिक रहा है.
किसान संगठनों ने उठाई मांग
बजट से पहले किसान संगठनों ने खाने के तेल की कीमतों पर काबू पाने के लिए मांग उठाई हैं. संगठनों का कहना हैं कि सरकार को पामतेल की जगह सोयाबीन, सरसों, मूंगफली और सूरजमुखी जैसे स्थानीय तिलहनों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए जिससे खाद्य तेलों के आयात पर निर्भरता घटे और कीमतें नियंत्रण में रहें.
आयात खर्च बढ़ा
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SIA) ने भारत का खाद्य तेलों के आयात पर खर्च के बारे जानकारी दी है. आयात पर होने वाला खर्च अक्टूबर, 2022 को समाप्त होने वाले तेल वर्ष में 34.18 प्रतिशत बढ़कर 1.57 लाख करोड़ रुपये हो गया. दुनिया के प्रमुख वनस्पति तेल खरीदार देश भारत ने वर्ष 2020-21 (नवंबर-अक्टूबर) में 1.17 लाख करोड़ रुपये का 131.3 लाख टन खाद्य तेलों का आयात किया था.
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