Edible Oil: खाद्य तेल की कीमत इस साल नई ऊंचाई को छू सकती है, जानें क्यों है ये आशंका
Edible Oil Prices: विदेशी बाजारों से कच्ची मूंगफली की मांग अधिक बनी रहेगी और इससे नवंबर के बाद भी घरेलू तेल की कीमतों में तेजी आ सकती है, जिससे इस साल कीमतों में गिरावट की कोई संभावना नहीं है.
Edible Oil Prices: सौराष्ट्र ऑयल मिलर्स एसोसिएशन (सोमा) ने सोमवार को कहा कि इस कैलेंडर वर्ष में खाद्य तेल की कीमत नई ऊंचाई को छू सकती है. मूंगफली 16 लीटर टिन की कीमत 2,750 रुपये और कपास के बीज के तेल की कीमत 2,700 रुपये हो गई है. सोमा ने दावा किया कि वर्तमान मूल्य वृद्धि इसलिए है क्योंकि किसानों के पास मूंगफली का स्टॉक नहीं है.
राज्य सरकार के पास मुश्किल से 1.50 लाख टन मूंगफली का स्टॉक
यहां तक कि राज्य सरकार के पास मुश्किल से 1.50 लाख टन मूंगफली का स्टॉक है, भले ही पूरा स्टॉक बाजार में उतार दिया जाए, लेकिन यह मूंगफली तेल उत्पादन की मात्रा नहीं बढ़ा सकता है जो व्यापारियों के अनुसार बाजार को स्थिर कर सकता है.
पूरे साल खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी जारी रहेगी
उपभोक्ताओं के लिए यह एक कठिन वर्ष होने जा रहा है क्योंकि खाद्य तेलों की कीमतों में पूरे वर्ष वृद्धि जारी रहेगी. सोमा के अध्यक्ष किशोरभाई विरादिया ने कहा, "नवंबर में मूंगफली का नया स्टॉक आने पर कीमत गिरने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि इस साल बुवाई तुलनात्मक रूप से कम रही है."
कम हो रही है बुवाई
किशोरभाई का कम बुवाई का दावा राज्य के कृषि विभाग के साप्ताहिक बुवाई के आंकड़ों में दिखाई देता है. 4 जुलाई तक मूंगफली की बुवाई 10 लाख हेक्टेयर और कपास की बुवाई 15 लाख हेक्टेयर में हुई थी. सोमा अध्यक्ष ने आगे कहा कि सामान्य स्थिति में 30 जून तक मूंगफली की बुवाई 14 लाख हेक्टेयर में होती थी, जबकि इस बार यह 10 लाख हेक्टेयर में है. उनका अनुमान है कि इस बार मूंगफली की बुवाई पिछले साल 20 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 15 लाख हेक्टेयर में होगी.
किसान कर रहे दूसरी फसल का रुख
दूसरी ओर पिछले सीजन में कपास की अच्छी कीमतों के कारण किसान मूंगफली से कपास की ओर रुख कर रहे हैं. यदि कपास की बुवाई का क्षेत्र बढ़ता है तो इसका मूंगफली और तेल उत्पादन पर प्रभाव पड़ेगा. इस बात की पूरी संभावना है कि विदेशी बाजारों से कच्ची मूंगफली की मांग अधिक बनी रहेगी और इससे नवंबर के बाद भी घरेलू तेल की कीमतों में तेजी आ सकती है, जिससे इस साल कीमतों में गिरावट की कोई संभावना नहीं है.
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