Edible Oil Price: आम लोगों के लिए आई खुशखबरी! अब खाने का तेल हुआ सस्ता, होली पर खूब खाएं नए-नए पकवान
Edible Oil Price: देश में महंगाई के दौर में खाने के तेल ने कुछ राहत दी है. होली से पहले आम आदमी को ये बड़ी राहत देखने को मिली है. जानिए क्या है सबसे बड़ा कारण
Edible Oil Price Down In India: आम लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है. दिल्ली तेल-तिलहन बाजार के अधिकांश तेल तिलहनों के दामों में भारी गिरावट देखने को मिली है. देशी तेल तिलहनों जैसे सरसों (Mustard Oil) एवं सोयाबीन तेल तिलहन (Soybean Oil) और बिनौला तेल (Cottonseed Oil) के दाम कम हो गए हैं. कच्चा पाम तेल (Crude Palm Oil) और पामोलीन तेल सहित मूंगफली तेल के भाव पहले के स्तर बने हुए हैं. अब आयातित तेल के आगे देसी सरसों का तेल भी सस्ता हो गया है. वहीं अगले महीने मार्च में होली का त्यौहार (Holi Festival) भी आ रहा है. इस मौके पर घर पर मेहमानों का आना लगा रहता है. इस बार पूड़ी, कचौड़ी, पकौड़ी, पापड़, भजिया तलने के लिए महिलाओं को कम खर्च करना होगा.
मंडियों में बढ़ी सरसों की आवक
इस बार देश में जरूरत से ज्यादा खाद्य तेलों का आयात हुआ है. इसके कारण देसी तेल-तिलहन के दाम पस्त हो गए हैं. मंडियों में सरसों की आवक शनिवार को बढ़कर 8 से 8.25 लाख बोरी पर पहुंच गई है. मध्य प्रदेश के सागर में पिछले साल के बचे सरसों की बिक्री 4,500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर हुई जो 5,000 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी (MSP) से काफी कम है. इस पुराने सरसों के स्टॉक में तेल की मात्रा कुछ कम है. सस्ते आयातित तेलों पर नकेल नहीं लगाई गई, तो सरसों की नई फसल भी एमएसपी से नीचे आ सकती है.
तेल के अभी ये हैं भाव
फिलहाल सरसों का तेल देश में कुछ स्थानों पर 150 से 160 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है, जो साल 2022 में 200 रुपये का भाव पर बिका था. अगर गर्मी का पारा घटता है तो इस साल आम लोगों को खाने के तेल के महंगे दामों से राहत और मिलेगी.
बिनौला तेल की खपत गुजरात में
देश के अन्य राज्यों की तुलना में गुजरात में बिनौला तेल 2-3 रुपये प्रति किलो ज्यादा होता था, क्योंकि इस तेल की सबसे अधिक खपत गुजरात में होती है. लेकिन इस बार सस्ते आयातित तेलों के दबाव में बाकी राज्यों से बिनौला तेल के भाव लगभग 1 रुपये प्रति किलो कम बिक रहा है.
देसी तेल के लिए बढ़ी मुश्किलें
विदेशी तेलों के सस्ते आयात की छूट ने देसी तेल तिलहनों के लिए मुश्किल हालात पैदा कर दिए हैं. किसानों की सरसों नहीं बिकी तो उनका भरोसा तिलहन उत्पादन बढ़ाने की ओर से हट सकता है. ऐसे में यह देश और किसानों के हित में ही होगा कि देसी तेल तिलहनों के खपने की स्थिति बनाने के लिए शुल्कमुक्त आयातित तेलों को दी छूट खत्म होने वाली है.
कुछ मड़ियो में तेल-तिलहनों के भाव
- सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 11,780 रुपये प्रति क्विंटल
- पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,440 रुपये प्रति क्विंटल
- मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,550 रुपये प्रति क्विंटल
- सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,320 रुपये प्रति क्विंटल
- पामोलिन एक्स- कांडला- 9,480 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल
- बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,280 रुपये प्रति क्विंटल
- सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 11,550 रुपये प्रति क्विंटल
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