Oil Custom Duty: बढ़ी कस्टम ड्यूटी, त्योहारों में सता सकती है खाने वाले तेल की महंगाई, इनके ऊपर पड़ेगा असर
Edible Oil Duty: विभिन्न खाद्य तेलों पर कस्टम ड्यूटी ऐसे समय बढ़ाई गई है, जब देश में त्योहारी सीजन तेज होने वाला है. ऐसे में खाद्य तेलों के भाव में तेजी देखी जा सकती है...
अगले कुछ दिनों में जोर पकड़ रहे त्योहारी सीजन में आम लोगों को खाद्य तेलों की बढ़ी कीमतों से प्रभावित होना पड़ सकता है. दरअसल सरकार ने विभिन्न खाद्य तेलों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने का निर्णय लिया है. इसका असर कीमतों पर दिख सकता है.
इन तेलों पर बढ़ाई गई कस्टम ड्यूटी
न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने क्रूड और रिफाइंड सनफ्लावर ऑयल समेत कुछ अन्य खाद्य तेलों पर कस्टम ड्यूटी को बढ़ाने का निर्णय लिया है. रिपोर्ट में वित्त मंत्रालय के एक नोटिफिकेशन के हवाले से बताया गया है- क्रूड व रिफाइंड पॉम ऑयल, सोयाबीन तेल और सनफ्लावर सीड ऑयल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (बीसीडी) बढ़ा दी गई है.
अब इतनी हो गई बेसिक कस्टम ड्यूटी
क्रूड पॉम ऑयल, क्रूड सोयाबीन तेल और क्रूड सनफ्लावर सीड ऑयल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी की दर अभी तक शून्य थी. यानी इन तेलों के आयात पर कोई आयात शुल्क नहीं लग रहा था. अब उसे बढ़ाकर 20 फीसदी किया गया है. वहीं रिफाइंड सनफ्लावर सीड ऑयल, रिफाइंड पॉम ऑयल और रिफाइंड सोयाबीन तेल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी की दर अब बढ़ाकर 32.5 फीसदी कर दी गई है. पहले यह दर 12.5 फीसदी थी. ये बदलाव आज शनिवार (14 सितंबर) से लागू हो गए हैं.
इतनी हो जाएगी प्रभावी शुल्क दर
रिपोर्ट के अनुसार, कस्टम ड्यूटी बढ़ाए जाने से सभी संबंधित खाद्य तेलों पर प्रभावी शुल्क की कुल दर बढ़कर 35.75 फीसदी हो गई है. क्रूड पॉम ऑयल, क्रूड सोयाबीन तेल और क्रूड सनफ्लावर सीड ऑयल पर प्रभावी शुल्क की दर अब 5.5 फीसदी से बढ़कर 27.5 फीसदी हो गई है. वहीं रिफाइंड सनफ्लावर सीड ऑयल, रिफाइंड पॉम ऑयल और रिफाइंड सोयाबीन तेल पर प्रभावी शुल्क की दर अब 13.75 फीसदी से बढ़कर 35.75 फीसदी हो गई है.
त्योहारों में बढ़ जाती है तेलों की खपत
विभिन्न खाद्य तेलों पर कस्टम ड्यूटी में ऐसे समय बढ़ोतरी की गई है, जब अगले कुछ दिनों में देश में त्योहारों का सिलसिला तेज होने वाला है. अभी सितंबर महीना आधा बीत चुका है. अगले महीने यानी अक्टूबर की शुरुआत में नवरात्रि व दशहरा जैसा त्योहार आ रहा है. उसके बाद अक्टूबर के अंत में दिवाली का त्योहार है. त्योहारों के दौरान खाद्य तेलों की खपत बढ़ जाती है.
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