Startup Update: देशभर में पिछले कुछ सालों के अंदर स्टार्टअप (Startup) कंपनियों ने हज़ारों लोगों को नौकरियां दी. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की झोली में खूब टेक्स डाला, लेकिन अब यहां से लोगों की छटनी शुरू हो गई. आये दिन कोई न कोई कंपनी लोगों को शार्ट नोटिस देकर जॉब्स से निकाल रही है. जो कि स्टार्टअप कंपनियों के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर नहीं है. इस साल ये कंपनियां अब तक लगभग 12,000 कर्मचारियों को निकाल चुकी हैं और साल खत्म होते-होते यह संख्या 60 हजार के पार पहुंच सकती हैं.


ओला (Ola), ब्लिंकिट (Blinkit), बायजूस (Byju's), अनएकेडमी (Unacademy), वेदांतू (Vedantu), कार्स-24 (Cars24), मोबाइल प्रीमियर लीग (Mobile Premier League), लीडो लर्निंग (Lido Learning), एमफाइन (Mfine), ट्रेल (Trell), फारआई (farEye), फरलैंको (Furlanco) और कई दूसरी कंपनियां इस साल अब तक हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी हैं. 


क्यों हो रही है छंटनी
भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में अब भी फंडिंग आ रही है, लेकिन उनमें छंटनी का अनुपात भी तेजी से बढ़ रहा है. इंडस्ट्री के जानकारों की माने तो इस साल रिस्ट्रक्चरिंग और कॉस्ट मैनेजमेंट के नाम पर कम से कम 50,000 कर्मचारियों को बाहर किया जा सकता है. ओला, अनएकेडमी, वेदांतू, कार्स-24 और एमपीएल जैसी यूनिकॉर्न कंपनियों ने भी कर्मचारियों की छंटनी की है.


यूनिकॉर्न बन सकते है 122 स्टार्टअप 
एडटेक और ई-कॉमर्स कंपनियां आगे भी हजारों कर्मचारियों को निकालने की तैयारी कर रही हैं. ASK Private Wealth Hurun India Future Unicorn Index 2022 के मुताबिक 25 शहरों की 122 स्टार्टअप कंपनियां यूनिकॉर्न बनने की राह पर हैं. यूनिकॉर्न ऐसी कंपनियों को कहा जाता है जिनका वैल्यूएशन एक अरब डॉलर से अधिक होता है. 


जानकारों की राय
Hurun India के MD और चीफ रिसर्चर अनस रहमान जुनैद के अनुसार ग्लोबल इकॉनमी को लेकर आशंकाएं हैं जिसके कारण भारतीय स्टार्टअप कंपनियों के वैल्यूएशन और पूंजी जुटाने की क्षमता प्रभावित हो सकती है. दुनिया की सबसे मूल्यवान एडटेक कंपनी बायजूस (Byju's) ने 2500 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की है. लॉकडाउन के दौरान एडटेक सर्विसेज की मांग में भारी तेजी आई थी लेकिन अब इनकी डिमांड में काफी गिरावट आई है. हाल के महीनों में इस सेक्टर की कंपनियों ने हजारों कर्मचारियों को निकाला है.


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