बायजू ने ED का नोटिस मिलने की बात स्वीकार की, कहा-FEMA का उल्लंघन नहीं किया, टेक्निकल मुद्दा है वजह
Byju’s: स्टार्टअप कंपनी Byju's ने बुधवार को ईडी के कारण बताओ नोटिस पर सफाई पेश करते हुए अपना पक्ष रखा है. कंपनी ने FEMA के नियमों के उल्लंघन की बात से इनकार किया है.
Byju’s Clarification on ED Notice: एडटेक सेक्टर की स्टार्टअप कंपनी Byju's पिछले लंबे वक्त से प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जारी किए फॉरेन एक्सचेंज नियमों (FEMA Violations) के नोटिस को लेकर सुर्खियों में है. अब इसे लेकर कंपनी ने बयान दिया है. बायजू ने बुधवार को मामले पर सफाई देते हुए ईडी द्वारा जारी किए गए नोटिस की बात को तो स्वीकार की, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने नोटिस के लिए तकनीकी कारणों को जिम्मेदार ठहराया. कंपनी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि बायजू ने फॉरेन एक्सचेंज नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया है और ईडी का यह नोटिस केवल टेक्निकल मुद्दे पर मिला है, जिसमें सालाना रिपोर्ट देर से जमा करना जैसी चीजें शामिल हैं.
केवल कुछ हजार का देना होगा जुर्माना-Byju's
गौरतलब है कि बायजू की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड और इसके फाउंडर बायजू रवींद्रन को 21 नवंबर, 2023 को ईडी द्वारा विदेशों में पैसे निवेश करते वक्त Fema के नियमों के उल्लंघन के मामले में कारण बताओ नोटिस मिला था. इसकी जानकारी ईडी ने खुद एक नोटिफिकेशन के जरिए दी थी. Byju's ने अपने बयान में यह भी कहा है कि ईडी द्वारा जारी किए गए नोटिस में किसी तरह के जुर्माने की बात नहीं कही गई है. अगर इस मामले पर कंपनी पर किसी तरह का जुर्माना लगता भी है तो वह बेहद मामूली यानी 7500 रुपये तक का हो सकता है.
कंपनी पर लगे हैं कई गंभीर आरोप
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बाजयू ने विदेश में पैसा निवेश करते वक्त फॉरेन एक्सचेंज के नियमों का पालन नहीं किया है जिसके कारण सरकार को टैक्स का नुकसान हुआ है. इसके साथ ही कंपनी ने विदेश में पैसा लगाते वक्त कई अहम जरूरी दस्तावेजों को भी नहीं जमा कराया है. ऐसे कंपनी ने साफतौर पर FDI के नियमों का उल्लंघन किया है और मामले पर ईडी ने कंपनी पर 9362.35 करोड़ रुपये के एक मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
इसी साल मई में ईडी ने बायजू के कई ठिकानों पर छापे मारे थे. इस दौरान ही ईडी ने कंपनी के डिजिटल डाटा और कई जरूरी दस्तावेजों को जब्त किया था. ईडी ने जानकारी दी थी कि कंपनी ने विदेश भेजे गए फंड के दस्तावेज जमा नहीं किए थे. इसके साथ ही कंपनी पर विदेशी आय का ब्यौरा छिपाने का भी आरोप लगा था.
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