Land Rate: देश में हुए लोकसभा चुनाव के साथ ही कई राज्यों में विधानसभा चुनाव भी कराए गए थे. केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का मौका मिल गया है. उनका शपथ ग्रहण समारोह रविवार 9 जून को होने वाला है. उधर, आंध्र प्रदेश की सत्ता में बदलाव हुआ है. चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) ने भारी बहुमत से चुनाव जीता है. वह 12 जून को अमरावती में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इसके साथ ही अमरावती के लोगों के दिन फिर गए हैं. पिछले चुनाव में चंद्रबाबू नायडू की हार के बाद अपना वैभव और सपने खोने वाले इस शहर की राजधानी बनने की उम्मीदें फिर से जाग गई हैं. इसके चलते जमीन के रेट दोगुने हो चुके हैं. 


राजधानी के तौर पर अमरावती के विकास की उम्मीद बढ़ी 


दरअसल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बंटवारे के बाद भी हैदराबाद को दोनों राज्य अपनी राजधानी के तौर पर इस्तेमाल कर रहे थे. इस बीच चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती को आंध्र प्रदेश की राजधानी के तौर पर विकसित करना शुरू कर दिया था. इस ग्रीन कैपिटल को विकसित करने की वजह से 2019 तक यहां चारों ओर तरक्की दिखाई देने लगी थी. मगर, 2019 में मुख्यमंत्री बनने के बाद जगन मोहन रेड्डी (Jagan Mohan Reddy) ने यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया और अमरावती की रौनक खत्म हो गई. अब विजयवाड़ा और गुंटूर शहरों के बीच स्थित अमरावती में जमीन के रेट को पंख लग गए हैं. 


जमीन की कीमतों में 50 से 100 फीसदी का आया उछाल  


टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव नतीजे आने के बाद ही अमरावती में रियल एस्टेट की कीमतें 50 से 100 फीसदी तक बढ़ चुकी हैं. लोगों को लग रहा है कि चंद्रबाबू नायडू की सरकार अपने ड्रीम प्रोजेक्ट अमरावती को फिर से आगे बढ़ाएगी. इसकी एक और बड़ी वजह यह है कि अब हैदराबाद आंध्र प्रदेश की राजधानी नहीं रही है. साल 2019 में अमरावती में जमीन के रेट 25 से 60 हजार रुपये स्क्वायर यार्ड हो चुकी थीं. मगर, जगन मोहन रेड्डी की सरकार बनने के बाद कीमतें गिरकर 9000 से 18 हजार रुपये स्क्वायर यार्ड रह गई थीं. चंद्रबाबू नायडू के आने से बाद अब यहां रेट आसमान छूने लगे हैं. फिलहाल जमीन की कीमतें 30 हजार से 60 हजार रुपये स्क्वायर यार्ड हो गई.


पीएम मोदी के सामने चंद्रबाबू नायडू कर सकते हैं ऐलान 


अमरावती के लोगों को उम्मीद है कि 12 जून को चंद्रबाबू नायडू शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी के समक्ष ही अमरावती को लेकर बड़ी घोषणा कर सकते हैं. इसके बाद यहां जमीन की कीमतें और बढ़ जाएंगी. फिलहाल एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, हाईकोर्ट, विधानसभा, सचिवालय और केंद्र सरकार के संस्थानों के आसपास जमीनों की सबसे ज्यादा डिमांड है. लोगों के पास जमीन खरीदने के लिए न सिर्फ देश बल्कि विदेश से भी ऑफर आ रहे हैं.


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