Electoral Bond Scheme: भारत सरकार एक बार फिर इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम लेकर आ रही है. वित्त मंत्रालय ने जानकारी दी है इलेक्टोरल बियरर बॉन्ड स्कीम सितंबर 2022 के तहत एक अक्टूबर 2022 से लेकर 10 अक्टूबर, 2022 तक इन बॉन्ड को खरीदा जा सकता है. आपको बता दें इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा दिया जाता है.
एसबीआई में मिलेगा बॉन्ड
वित्त मंत्रालय के मुताबिक देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक के 29 शाखाओं से इन इलेक्टोरल बॉन्ड को खरीदा जा सकता है. हर वर्ष की चार तिमाही के पहले महीने जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर के 1 से 10 तारीख तक इन इलेक्टोरल बॉन्ड की एसबीआई के शाखाओं के जरिए बिक्री की जाती है. कोई भी व्यक्ति या फर्म 1,000 रुपये, 10,000 रुपये, 1 लाख रुपये, 10 लाख रुपये और 1 करोड़ रुपये मूल्य के बॉन्ड खरीद सकता है. यानि हजार रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक बॉन्ड के जरिए किसी राजनीतिक दल को चंदा दिया जा सकता है.
इलेक्टोरल बॉन्ड केवल जारी होने की तारीख के बाद 15 दिनों तक के लिए वैलिड होता है. और अगर इलेक्टोरल बॉन्ड वैलिडिटी डेट की एक्सपाइरी के बाद डिपॉजिट किए जाने पर राजनीतिक दल को कोई भुगतान नहीं किया जाएगा. जो भी राजनीति दल इलेक्टोरल बॉन्ड का अपने खाते में डिपॉजिट करेंगे उन्हें दिन रकम उनके खाते में क्रेडिट कर दी जाएगी.
कौन खरीद सकता है इलेक्टोरल बॉन्ड
इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम 2018 को लेकर सरकार ने जो गजेट नोटिफिकेशन जारी किया था उसमें साफ लिखा है कि भारत का कोई भी नागरिक, संस्था या कंपनी राजनीतिक दलों को चुनावी चंदा देने के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड खरीद सकता है. कोई भी व्यक्ति अकेले या फिर किसी के साथ मिलकर भी इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदकर राजनीतिक दलों को चंदे के तौर पर दे सकता है.
किन दलों के दिया जा सकता है बॉन्ड
गजेट नोटिफिकेशन के मुताबिक केवल वही राजनीतिक दल इलेक्टोरल बॉन्ड पाने का अधिकार रखते हैं जो सेक्शन 29A के रिप्रजेंटेजेंशन ऑफ द पीपल एक्ट, 1951 के तहत रजिस्टर्ड हैं और जिन्हें पिछले लोकसभा चुनाव और विधान चुनाव में कुल मतदान का एक फीसदी से ज्यादा वोट मिला हो. इन इलेक्टोरल बॉन्ड को केवल राजनीतिक दल ही भूना सकती हैं.
क्यों लाया गया इलेक्टोरल बॉन्ड
राजनीति में कालाधन रोकने और राजनीतिक चंदे के देनदारी में पारदर्शिता लाने के मकसद से इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को चंदा देने का सिस्टम लाया गया. केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में इलेक्टोरल बॉन्ड शुरू करने का ऐलान किया था.
टैक्स में मिलेगी छूट
इलेक्टोरल बॉन्ड में निवेश पर टैक्स छूट का लाभ भी मिलता है. इनकम टैक्स की धारा 80GGC/80GGB के टैक्स छूट मिलती है. इसके अलावा, राजनीतिक दलों को Income Tax Act के Section 13A के तहत बॉन्ड के तौर पर मिले चंदे पर छूट दी जाती है.
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