सरकार की ओर से खासी सब्सिडी देने के बावजूद इलेक्ट्रिक ट-व्हीलर्स की बिक्री की रफ्तार काफी कम है. सरकार की ओर से तीन साल की FAME-2 स्कीम ( वित्त वर्ष 2020-2022) के बावजूद 2020 की छमाही तक जितने टू-व्हीलर्स की बिक्री का लक्ष्य रखा गया था उसका सिर्फ दो फीसदी ही पूरा हो पाया. वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान जितने ई-वाहन बिके उनमें ई टू-व्हीलर्स की हिस्सेदारी एक फीसदी से भी कम थी.

ज्यादातर लोगोंं को सब्सिडी की जानकारी नहीं

जानकारों का कहना कि ग्राहकों को ई टू-व्हीलर्स पर सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी की जानकारी नहीं है. आफ्टर सेल्स सर्विस की दिक्कतें की वजह से भी बिक्री में बढ़त नहीं आ रही है. हालांकि सरकार की लगातार कोशिश की वजह से 2018-19 की तुलना में 2019-20 में ई टू-व्हीलर्स की बिक्री 21 फीसदी बढ़ी है. लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान हाई स्पीड ई टू-व्हीलर्स की बिक्री 25 फीसदी घट गई.

FAME-2 स्कीम फायदा नहीं 

सरकार की ओर से फेम-2 स्कीम के तहत पूरा जोर देने के बावजूद ई टू-व्हीलर्स की बिक्री और मांग बेहद लचर है. सरकार ई-व्हेकिल को बढ़ावा देने की काफी कोशिश रह रही है. कुछ दिनों पहले सरकार ने ऐलान किया था कि सरकार ने बगैर प्री-फिटेड बैटरी के इनकी बिक्री की अनुमति का फैसला किया है. अब पहले से फिट बैटरी के बगैर ही इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन हो सकेगा. इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर की बिक्री और रजिस्ट्रेशन बगैर बैटरी के भी हो सकेगी. दरअसल इलेक्ट्रिक व्हेकिल्स की कुल लागत में बैटरी की कीमत 30 से 40 फीसदी तक होती है. सरकार के इस फैसले से इन वाहनों की कीमत कम हो सकती. एनर्जी सर्विस प्रोवाइडर की तरफ से अलग से बैटरी दी जाएगी.

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