EV: इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की मांग कई गुना बढ़ेगी, 2030 तक कुल वाहनों में 30 फीसदी हिस्सा होने की उम्मीद
Electric Vehicles: फिलहाल देश में कुल व्हीकलों में इलेक्ट्रिक व्हीकलों का अनुपात सिर्फ एक फीसदी ही है लेकिन वर्ष 2030 तक इसके बढ़कर करीब 30 फीसदी हो जाने का अनुमान है.
Electric Vehicles: इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) मैन्यूफैक्चर्रस को उम्मीद है कि पर्यावरण-अनुकूल व्हीकलों के बारे में उपभोक्ताओं की जागरूकता बढ़ने और सरकार के समर्थन से ईवी की मांग आने वाले समय में कई गुना बढ़ेगी. वर्ल्ड इलेक्ट्रिक व्हीकल दिवस के पहले ईवी मैन्यूफैक्चर्रस ने मांग में बढ़ोतरी के लिए बेहतर प्रदर्शन करने वाले ईवी व्हीकलों की पेशकश करने और ग्राहकों की जरूरत पूरा करने की आवश्यकता बताई.
फिलहाल देश में कुल व्हीकलों में इलेक्ट्रिक व्हीकलों का अनुपात सिर्फ एक फीसदी ही है लेकिन वर्ष 2030 तक इसके बढ़कर करीब 30 फीसदी हो जाने का अनुमान है. इलेक्ट्रिक व्हीकल में इस्तेमाल होने वाले उपकरण बनाने और बैटरी बदलने की सेवा देने वाली कंपनियां भी भारतीय परिवहन परिदृश्य में ईवी का दखल बढ़ने को लेकर आश्वस्त हैं. जानकारों का मानना है कि देश में ईवी का इस्तेमाल बढ़ाने में मजबूत चार्जिंग ढांचा अहम भूमिका निभा सकता है. चार्जिंग ढांचा के मजबूत होने से ईवी का इस्तेमाल बढ़ने में काफी मदद मिलने की उम्मीद है.
किआ इंडिया
किआ इंडिया के मुख्य बिक्री अधिकारी मुंग-सिक सोन ने बयान में कहा, भारत में आने वाले समय में ईवी की तगड़ी मांग देखने को मिलेगी. इसकी वजह यह है कि उपभोक्ता अब पर्यावरण-अनुकूल व्हीकलों को लेकर जागरूक हो रहे हैं और सरकार भी ईवी को अपनाने के लिए बुनियादी समर्थन दे रही है."
एथर एनर्जी
एथर एनर्जी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) तरुण मेहता ने कहा कि परिवहन के टिकाऊ साधनों की तरफ बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है जिसकी अगुवाई इलेक्ट्रिक दोपहिया कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया को कार्बन-प्रदूषण से मुक्त करने की दिशा में ईवी सबसे बड़ी उम्मीद के तौर पर उभरे हैं.
मोटोवोल्ट
मोटोवोल्ट के संस्थापक और सीईओ तुषार चौधरी का मानना है कि दुनियाभर के तमाम बड़े शहरों में इलेक्ट्रिक व्हीकल को परिवहन के टिकाऊ समाधान के तौर पर देखा जाने लगा है. उन्होंने ट्रेन के साथ इलेक्ट्रिक बसों, कारों, छोटे व्हीकलों और दोपहिया व्हीकलों जैसे विकल्प तैयार करने की भी जरूरत बताई.
महिंद्रा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी
महिंद्रा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के सीईओ सुमन मिश्रा ने कहा कि उनकी कंपनी शून्य उत्सर्जन वाले व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है.
जानकारों का क्या है कहना
'द एनर्जी एंड रिसोर्जेज इंस्टिट्यूट' (टेरी) और 'इंटरनेशनल काउंसिल फॉर क्लीन ट्रांसपोर्टेशन' (आईसीसीटी) के विशेषज्ञों ने दिल्ली में वर्ष 2024 तक 18,000 नए चार्जिंग स्टेशन लगाने की योजना की सराहना करते हुए कहा कि अन्य राज्यों को भी इस दिशा में सक्रियता दिखाने की जरूरत है. टेरी के सीनियर 'विजिटिंग फेलो' आईवी राव ने कहा, "फैसले लेने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने और निजी कंपनियों को ईवी से जुड़े कारोबार स्थापित करने में मदद करने के लिए एक अलग से ईवी सेल का गठन करना शहरी व राज्य स्तर पर इलेक्ट्रिक व्हीकल को अपनाने की दर बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका साबित हो सकता है."
आईसीसीटी भारत के प्रबंध निदेशक (इंडिया) अमित भट्ट ने कहा, "ईवी को बढ़ावा देने के लिए मजबूत चार्जिंग बुनियादी ढांचा विकसित करना बहुत महत्वपूर्ण होगा. दिल्ली में 2024 तक 18,000 नए चार्जिंग स्टेशन लगाने की योजना पर काम करने की दिल्ली सरकार की घोषणा इस दिशा में एक बेहतरीन कदम है. अन्य राज्यों द्वारा भी ऐसी रणनीति पर काम करने की जरूरत है."
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