मानव इतिहास के सबसे त्रासद हथियार के अविष्कारक ओपनहाइमर पर सिनेमा बनाकर अभी क्रिस्टोफर नोलन पूरी दुनिया में सुर्खियों में हैं. क्रिस्टोफर नोलन को पूरे संसार में लोकप्रियता दिलाई थी उनकी स्पेस थीम मूवी इंटरस्टेलर ने. इंटरस्टेलर में इंसानों को पृथ्वी के दायरे से निकलकर ब्रह्मांड का नागरिक बनते हुए दिखाया गया है. अभी के जमाने में उपलब्ध सबसे आधुनिक तकनीकों के हिसाब से भी नोलन की कल्पना शुद्ध सिनेमाई लगती है, लेकिन आने वाले समय में भी यह बात सिनेमाई कल्पना ही रह जाएगी, इसकी आशंका कम है. बहुत सारे लोग ऐसी सिनेमाई बातों को हकीकत बनाने के प्रयास में पुरजोर तरीके से लगे हुए हैं और कई सिनेमाई सपनीली बातें आज हकीकत बन चुकी हैं.


एलन मस्क की कई पहचान


अगर आप देश-दुनिया की थोड़ी भी जानकारी रखते हैं, तो निश्चित तौर पर एलन मस्क का नाम जानते होंगे. इस व्यक्ति को लोग अलग-अलग पहचान व कारणों से जानते हैं. ज्यादातर लोग एलन मस्क को दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में जानते हैं. अमेरिका और यूरोप मस्क को इलेक्ट्रिक कार की क्रांति के जनक के तौर पर जानता है. क्रिप्टो के फैन उन्हें Dogefather के रूप में जानते हैं. युद्ध से उजाड़ हो चुके यूक्रेन के लोग एलन मस्क को सैटेलाइट से इंटरनेट प्रोवाइड करने वाले के रूप में पहचानते हैं. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और स्पेस साइंस से जुड़े लोग मस्क की किसी और ही पहचान से अवगत हैं. वे मस्क को ऐसे इंसान के रूप में जानते हैं, जिसने धरती से स्पेस के लिए ओला-उबर जैसी टैक्सी सेवा शुरू कर दी.




20 साल पहले देखा ये सपना


आज से 20 साल पहले अगर कोई आपको कहता कि ऐसा रॉकेट होगा, जो स्पेस में जाएगा और अपना काम पूरा कर वापस लौट आएगा. रॉकेट पृथ्वी पर वापस लैंड करने के बाद दोबारा इस्तेमाल हो सकेगा. निश्चित तौर पर आप उसे पागल-सनकी का सर्टिफिकेट दे देते. कहते कि ऐसा तो सिर्फ फिल्मों में होता है. मस्क ने न सिर्फ 20 साल पहले रीयूजेबल रॉकेट का सपना देखा, बल्कि आज उसे हकीकत बना दिया. प्रयास होते रहे, वैज्ञानिकों की टीम काम करती रही, रॉकेट स्पेस में जाते रहे और सफल लैंडिंग से पहले फेल होते रहे. एक बार मिशन फेल और अरबों डॉलर स्वाहा, पर मस्क की ओर से वैज्ञानिकों को फंडिंग मिलती रही. परिणाम हुआ कि आज मस्क के रॉकेट विभिन्न कंपनियों से लेकर सरकारी स्पेस एजेंसियों के सैटेलाइट को उनके गंतव्य यानी धरती के ऑर्बिट तक पहुंचा रहे हैं. मस्क के रॉकेट स्पेस स्टेशन तक माल-असबाब से लेकर अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सवारी बन गए हैं. नासा के लिए मस्क के रॉकेट ने स्पेस मिशन को कई गुणा सस्ता बना दिया है.


एक्सीडेंट से हुई स्पेसएक्स की शुरुआत


एलन मस्क को यह सफलता एक दिन में नहीं मिली है. अभी तेजी से डेवलप हो रही स्पेस इकोनॉमी के सबसे बड़े स्टेकहोल्डर एलन मस्क हैं और इसकी शुरुआत तब हुई थी, जब स्पेस इकोनॉमी टर्म को सही से उछाला भी नहीं गया था. एलन मस्क ने एक्स डॉट कॉम नाम से ऑनलाइन बैंकिंग वेंचर की शुरुआत की थी. उस समय तक स्पेस उनके मिशन का हिस्सा नहीं था. सफल-असफल प्रयोग करते हुए आया साल 2000 और एलन मस्क पेपाल से बाहर हो गए. एलन मस्क के स्पेस ड्रीम की शुरुआत एक एक्सीडेंट से हुई.


2002 में तय किया ये टारगेट


बात 2001 की है. रूस के एक रॉकेट डिजाइनर से एलन मस्क की बहस हो गई थी. एलन मस्क उस विवाद से इतने आहत हुए कि उन्होंने अपनी रॉकेट कंपनी बनाने और रूस को टक्कर देने की ठान ली. उसके बाद साल आया 2002, जब एलन मस्क ने स्पेसएक्स कंपनी बनाई. यह कोई मनगढ़ंत बात नहीं है. नासा के डिप्टी एडमिनिस्ट्रेटर लोरी गार्वर ने स्पेस के कमर्शियलाइजेशन पर लिखी अपनी किताब में इस प्रसंग का जिक्र किया है. स्पेसएक्स का उद्देश्य तय किया गया स्पेस टेक्नोलॉजी को रिवॉल्यूशनाइज करना और मार्स को कॉलोनाइज करना.




अंतत: पूरा हुआ मस्क का बदला


मस्क की कंपनी ने 2005 में अपना पहला रॉकेट बनाया- फाल्कन1, जिसे बनाने में खर्च हुए 100 मिलियन डॉलर. उसके एक साल बाद स्पेसएक्स ने दूसरा रॉकेट ड्रैगन बनाया. 2006 से 2008 के बीच स्पेसएक्स के तीन मिशन फेल हुए और कंपनी बंद होने के कगार पर पहुंच गई. अंत में सितंबर 2008 में कंपनी को पहली सफलता हाथ लगी, जब फाल्कन-1 का पहला सफल परीक्षण हुआ. उसके बाद एलन मस्क और उनकी कंपनी सफलता के झंडे गाड़ते चली गई. 2012 में स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट पहली बार स्पेस स्टेशन पहुंचा. 2016 में रीयूजेबल रॉकेट का पहला सफल परीक्षण हुआ, जिस तकनीक ने अंतरिक्ष मिशन की लागत एक झटके में कम कर दी. जिस बहस से स्पेसएक्स की शुरुआत हुई, वह अपने मुकाम पर पहुंचा 19 साल बाद 2020 में, जब मस्क की बदौलत अमेरिका फिर से इंसानों को अंतरिक्ष तक पहुंचाने के खेल में वापस लौटा. लंबे समय से नासा अंतरिक्ष यात्रियों को लाने-ले जाने के लिए रूस के सोयूज स्पेसक्राफ्ट पर निर्भर था. स्पेसएक्स ने रूस की यह मोनोपॉली समाप्त कर दी.




मंगल पर उपनिवेश बनाना बाकी


इस तरह एलन मस्क ने न सिर्फ रूसी वैज्ञानिक के साथ हुए झगड़े का बदला पूरा कर लिया, बल्कि स्पेस टेक्नोलॉजी में क्रांति लाने का कंपनी का पहला उद्देश्य भी पूरा हो गया. अभी एलन मस्क की कंपनी स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट की मदद से दूसरे उद्देश्य को पूरा करने में जुटी हुई है. स्टारशिप को खास तौर पर मंगल ग्रह पर उपनिवेश बनाने के लिए डिजाइन किया गया है. यह अभी दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट व स्पेसक्राफ्ट है. यही रॉकेट 1972 के बाद पहली बार इंसानों को चांद पर ले जाने वाला है. मस्क का सपना है कि एक समय ऐसा आएगा, जब 1000 स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट होंगे और वे धरती से मंगल के बीच नियमित उड़ान भरेंगे.


सपने को सच करने वाली ट्रेन


एलन मस्क का स्पेस ड्रीम यहीं तक सीमित नहीं है. एलन मस्क की एक और स्पेस वेंचर है स्टारलिंक. स्टारलिंक छोटे-छोटे सैटेलाइट हैं, जो स्पेस से इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड करते हैं. अभी तक स्पेस में करीब 4,500 स्टारलिंक सैटेलाइट भेजे जा चुके हैं. ये सैटेलाइट एवरेस्ट की ऊंचाई से लेकर समंदर की गहराई तक हाई-स्पीड इंटरनेट प्रोवाइड करने में सक्षम हैं. कभी किसी रात ऐसी जगह पर जाएं, जहां लाइट पॉल्यूशन नहीं हो तो आप आसमान में स्टारलिंक की ट्रेन को गुजरते देख सकते हैं. आसमान में चल रही सितारों वाली वह ट्रेन जब दिखे तो याद करिएगा कि असंभव को संभव कर दिखाने की पहली सीढ़ी सपने देखना... कल्पना करना है. एलन मस्क ने फिल्मों की बातों को हुबहू सच करने का सपना देखा और अब वे सारे सपने एक-एक कर सच होते दिख रहे हैं.


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