Mutual Fund: आधुनिक समय में लोगों के लिए कई निवेश के विकल्प उपलब्ध हैं. कोई बिना रिस्क के सरकारी योजनाओं में पैसा लगाता है तो वहीं कुछ लोग शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड जैसी जगहों पर निवेश करते हैं. अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं और साथ ही टैक्स भी बचाना चाहते हैं तो आपके लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम या ELSS बेहतर विकल्प है.
AMFI आंकड़े के मुताबिक, पिछले दो साल में ELSS कैटेगरी में 22 लाख से ज्यादा फोलियो जुड़े हैं. दिसंबर 2020 के दौरान इस कैटेगरी में कुल फोलियो 1.23 करोड़ थे, जबकि दिसंबर 2022 के दौरान इस कैटेगरी में कुल 1.46 करोड़ फोलियो हो गए. ELSS फंड के तहत बंपर रिटर्न और टैक्स सेविंग का भी लाभ मिलता है.
ELSS फंड के तहत लाभ
इस कैटेगरी के फंड के तहत आप लॉन्ग टर्म में निवेश कर सकते हैं. इसके तहत सबसे कम लॉक इन पीरियड 3 साल का है और इसके तहत सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ दिया जाता है. इस फंड कैटेगरी में निवेश आप एकमुश्त कर सकते हैं या फिर आप इसमें एसआईपी के तहत भी निवेश कर सकते हैं.
एकमुश्त और एसआईपी से निवेश के फायदे
अगर आप एकमुश्त का विकल्प चुनते हैं तो आपको ध्यान रखना होगा कि इस फंड में ऐसे समय में निवेश करें जब मार्केट में जोखिम न हो. इसके अलावा, इस कैटेगरी के फंड के बारे में भी रिसर्च कर लेना जरूरी है. सही फंड चुनकर आप एकमुश्त निवेश कर सकते हैं. वहीं अगर आप एसआईपी के तहत निवेश करते हैं तो लॉन्ग टर्म तक निवेश कर मार्केट के हिसाब से आप अच्छा रिटर्न पा सकते हैं.
ELSS फंड के लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न
इक्विटी लिंक्ड म्यूचुअल फंड ने लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न मिला है. इस तरह के फंड ने निवेशकों को एवरेज 15 फीसदी का रिटर्न दिया है जबकि पीपीएफ और एनएससी जैसी स्कीमों में 7 फीसदी के आसपास रिटर्न दिया जाता है.
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