कई बार जीवन में ऐसा समय आता है जब हमें अचानक से पैसों की जरूरत पड़ जाती है. उस समय कई बार लोग लोन, ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी आदि ऑप्शन्स की तलाश करते हैं. कोरोना महामारी ने लोगों को यह सीख दी है कि हर समझदार व्यक्ति को बुरे समय के लिए थोड़ा फंड अपने पास रखना चाहिए. इस फंड को इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) कहा जाता है जो आपातकाल की स्थिति में आपकी मदद कर सकता है.


इमरजेंसी फंड क्या होता है?
यह आपको बीमारी की स्थिति में, घर में कमाने वाली व्यक्ति की अचानक मृत्यु की स्थिति में, बच्चों की पढ़ाई और शादी के खर्चे, बिजनेस घाटा या नौकरी चले जाने की स्थिति में मदद कर सकता है. लेकिन, कई बार लोगों को समझ में नहीं आता है कि इमरजेंसी फंड को तैयार करने के लिए वह कैसे प्लानिंग करें और उसे किस तरह इकट्ठा करें. तो चलिए हम आपको इमरजेंसी फंड जुटाने के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग करने के बारे में बताते हैं.


कम से कम 6 महीने का होना चाहिए इमरजेंसी फंड
बता दें कि इमरजेंसी फंड बनाने से पहले उसकी सही जानकारी और प्लानिंग बहुत जरूरी है. इमरजेंसी फंड की प्लानिंग करते वक्त इस बात का खास ख्याल रखें कि कम से कम आप 6 महीने की सैलरी के बराबर अपने पास फंड जरूर जमा कर लें. यह पैसे आपको नौकरी छूट जाने की स्थिति में बहुत मदद कर सकते हैं. अगर किसी व्यक्ति की मासिक आय 25 हजार रुपये है तो उसे कम से कम अपने पास 1.5 लाख रुपये इमरजेंसी फंड के रूप में जरूर सेव करके रखने चाहिए. ध्यान रखें कि यह फंद आपने बचत और निवेश में नहीं शामिल होना चाहिए.


इन निवेश ऑप्शन्स को अपना कर जमा कर सकते हैं इमरजेंसी फंड
इस बात का खास ख्याल रखें कि केवल पैसे को बैंक में जमा कर देने से यह आपकी परेशानी दूर नहीं कर सकता है. महंगाई लगातार बढ़ रही है. ऐसे में केवल बैंक के सेविंग अकाउंट में पैसे जमा करने से वह उस रेट में नहीं बढ़ेगे. इसलिए आप निवेश के अलग-अलग ऑप्शन्स ट्राई कर सकते हैं.यह ऑप्शन्स हैं लिक्विड म्युचुअल फंड, बैंक की एफडी और रेकरिंग डिपाजिट, पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम आदि में पैसे निवेश कर सकते हैं. इससे आपको बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाएगी. 


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