EMI Calculator: अवनीश कुमार ( नाम बदला हुआ) ने कोरोना महामारी (Covid 19 Pandemic) के दौरान सस्ते होम लोन ( Cheap Home Loan) का फायदा उठाने के लिए हुए सपनों का आशियाना खरीदने का मन बनाया. उन्होंने रेडी टू मूव घर( Ready To Move Home) खरीदने के लिए साल 2020 में एक हाउसिंग फाइनैंस कंपनी से 20 सालों के लिए 6.70 फीसदी के दर पर होम लोन ( Home Loan) लेकर घर खरीदा. और अपने घर में रहने लगे. तब अवनीश को 22,053 रुपये ईएमआई (EMI) चुकाना पड़ रहा था. 15 सालों में उन्हें 25 लाख रुपये मूलधन ( Principal Amount) चुकाना था तो उसपर ब्याज ( Interest Rate) के तौर पर 14,69,629 रुपये की देनदारी थी. यानि उन्हें कुल 180 महीनों में 39,69,629 रुपये बैंक को चुकाना था.
EMI वही पर बढ़ गई मियाद!
अवनीश ने घर लेने के दौरान ये कतई नहीं सोचा था कि ये होम लोन उनपर कितना भारी पड़ने वाला है. उनका घर के बजट को बिगाड़ने वाला है. आरबीआई ( RBI) ने तीन चरणों में जब रेपो रेट ( Repo Rate) बढ़ाया. इसका असर ये हुआ कि अवनीश की ईएमआई तो जस की तस 22053 रुपये रही लेकिन जो होम लोन उनका 15 सालों यानि 180 ईएमआई देकर खत्म होने वाला था उसकी मियाद बढ़कर 18 साल की हो गई यानि उनकी ईएमआई चुकाने की मियाद बढ़कर 216 महीने की हो गई. अब आरबीआई ने फिर से 50 बेसिस प्वाइंट रेपो रेट बढ़ा दिया है तो अवनीश को इस बढ़ोतरी के बाद 234 ईएमआई चुकाना होगा. 25 लाख के होम लोन पर जहां 14,69,629 रुपये ब्याज के तौर पर बन रहा था अब अवनीश को 26,79,772 रुपये ब्याज होम लोन देने वाले वित्तीय संस्थान को देने होंगे. पहले 180 महीनों में 39,69,629 रुपये चुकाना था अब 234 महीनों में 51,79,772 रुपये चुकाने होंगे. यानि आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने के बाद 12.10 लाख रुपये ज्यादा बैंक को ब्याज के तौर पर देने होंगे.
बैंकों ने बढ़ा दी EMI की संख्या
जिन लोगों ने होम लोन ले रखा है ब्याज दरें बढ़ाने के बाद बैंक ईएमआई तो नहीं बढ़ा रहे लेकिन उनकी लोन की अवधि जरूर बढ़ा दी गई है. यानि लंबे समय तक उन्हें कर्ज के जाल में ऐसे लोग फंसे रहेंगे जिसके उनकी देनदारी बढ़ गई है.
महंगे कर्ज के जाल में फंसे लोग
2022-23 में बीते 5 महीनों में लगातार चौथी बार आरबीआई ने रेपो रेट बढ़ाकर कर्ज महंगा किया है. कर्ज महंगा करने के पीछे दलील ये दी जा रही है महंगाई दर ज्यादा है और उसे काबू में पाने के लिए कर्ज महंगा किया गया. हालांकि हकीकत ये है कि जब से आरबीआई ने रेपो रेट बढ़ाने के फैसला लेना शुरू किया है निजी-सरकारी बैंक से लेकर हाउसिंग फाइनैंस कंपनियां लगातार ब्याज दरें बढ़ाती जा रही है. उनके इस फैसले के चलते होम लोन की ईएमआई महंगी होती जा रही है.
आरबीआई के फैसले ने बढ़ाई मुश्किलें
जिन लोगों ने बीते दो वर्षों में होम लोन लेकर अपना आशियाना खरीदा है उनकी मुश्किलें बढ़ गई है. क्योंकि इन लोगों ने इन वित्तीय संस्थानों ने 6.70 फीसदी से लेकर 7.25 फीसदी के बीच ब्याज दर पर होम लोन दिया था. लेकिन रेपो रेट बढ़ने के बाद होम लोन पर ब्याज दर 8.10 से लेकर 8.65 फीसदी हो चुका था. आरबीआई ने फिर से रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर दी है तो ब्याज दर बढ़कर 8.60 से लेकर 9.15 फीसदी होना तय माना जा रहा है. जिसके चलते ईएमआई महंगी हो जाएगी. एक तो वैसे ही खाने-पीने की चीजों के दाम से लेकर पेट्रोल-डीजल, सीएनजी-पीएनजी महंगा हो चुका है उसपर से महंगी ईएमआई लोगों की गाढ़ी कमाई पर चपत लगाने को तैयार है.
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