Gratuity Rules: कंपनी हो गई है दिवालिया तो क्या कर्मचारियों को मिलेगा ग्रेच्युटी का पैसा? जानिए क्या है नियम
Gratuity: अगर आप किसी कंपनी में काम करते हैं जो दिवालिया हो गई है तो क्या आपको ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा. आइए जानते हैं गेच्युटी से जुड़े नियम के बारे में.
Gratuity Rules: हर नौकरीपेशा की सैलरी का एक हिस्सा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organisation) के खाते में जमा होता है. वहीं जब कर्मचारी किसी कंपनी में 5 साल से अधिक समय तक काम करता है तो वह ग्रेच्युटी (Gratuity Rules) पाने का हकदार हो जाता है. मगर कई बार ग्रेच्युटी को लेकर कर्मचारियों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं. इसमें सबसे कॉमन सवाल ये है कि अगर कोई कंपनी डूब जाती है तो ऐसी स्थिति क्या कर्मचारियों को ग्रेच्युटी (Gratuity) का लाभ मिलेगा या नहीं. आपको बता दें कि ग्रेच्युटी एक्ट 1972 के नियम के मुताबिक 10 से ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनी को ग्रेच्युटी का भुगतान करना पड़ता है. यह लाभ 5 साल से अधिक अवधि तक काम करने वाले सभी कर्मियों को मिलता है. ग्रेच्युटी एक्ट 1972 के धारा 53 के तहत कंपनी कर्मचारियों को ग्रेच्युटी के हक (Gratuity Details) से वंचित नहीं कर सकता है.
कंपनी के दिवालिया होने पर कैसे मिलेगी ग्रेच्युटी
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की दो जजों की बेंच ने जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने कहा था कि अगर कोई कंपनी दिवालिया होती है तो इसका खामियाजा उसके कर्मचारियों को ग्रेच्युटी के नुकसान के रूप में नहीं होना चाहिए. अगर कोई कंपनी दिवालिया हो जाती है तो ऐसे में उसे अपने सभी कर्मचारियों की सैलरी और बाकी फंड का भुगतान करना होगा. इसके लिए दिवालिया प्रक्रिया शुरू होने के बाद कंपनी से की गई वसूली से सबसे पहले कर्मचारियों का भुगतान किया जाता है. इसके साथ ही यह जिम्मेदारी कंपनी के मैनेजमेंट की होती है.
दिवालिया प्रक्रिया में जुटेगा फंड
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह कहा था कि जब किसी कंपनी के दिवालिया प्रक्रिया को फॉलो किया जाता है तो उससे जुटने वाली रकम से ही सबसे पहले कर्मचारियों के वेतन और बाकी खर्च का प्रावधान करना जरूरी है. इससे ही कर्मचारियों के ग्रेच्युटी का भी भुगतान किया जाएगा. इसके बाद बाकी खर्च की गई वसूली से पूरी की जाएगी. भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता कोड के सेक्शन 53(1)(a) ने यह साफ मेंशन है कि कंपनी के दिवालिया होने पर पीएफ, ग्रेच्युटी और कर्मचारी कल्याणकारी अन्य फंड को अलग रखा जाएगा. ऐसे में वसूले गए पैसों से पहले इस सभी फंड को दिया जाएगा.
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