Work Life Balance: ऑफिस में ‘इनेमूरी’ मिले तो कर्मचारी एक घंटा ज्यादा काम करने को तैयार, कंपनियों को भी होगा बहुत फायदा
Work Life Balance: ऑफिस में बढ़ते काम के प्रेशर के चलते तमाम कर्मचारी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में फंस जाते हैं. यह छोटी सी पहल करके कंपनियां न सिर्फ कर्मचारियों का, बल्कि अपना फायदा भी कर सकती हैं.
Work Life Balance: ऑफिस में लोगों पर बढ़ता काम का प्रेशर उन्हें विभिन्न तरह की मानसिक और शारीरिक समस्याओं में फंसा सकता है. इससे निपटने के लिए कर्मचारी अपने-अपने हिसाब से प्रयास करते रहते हैं. मगर, अब एक सर्वे से स्पष्ट हुआ है कि देश के प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले अधिकतर कर्मचारी ऑफिस में थकान को मिटाने के लिए नींद का एक छोटा ब्रेक चाहते हैं. उनका कहना है कि ऐसा करने से वह स्वस्थ रहेंगे और ज्यादा बेहतर काम कर सकेंगे.
इंडिया में भी हो रही ‘इनेमूरी’ की डिमांड
जापान में यह संस्कृति ‘इनेमूरी’ के नाम से जानी जाती है. जापानी दफ्तरों में लोग काम के दौरान शार्ट नैप ब्रेक लेते हैं. इससे वहां के कर्मचारियों की उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिली है. साथ ही जापान का वर्क कल्चर भी स्वस्थ रहता है. जीनियस कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट के अनुसार, इंडिया में भी अब ‘इनेमूरी’ की डिमांड की जाने लगी है. इससे लोगों को न सिर्फ थकान मिटाने में मदद मिलेगी बल्कि लोगों की काम करने की क्षमता में भी इजाफा होगा. कर्मचारी स्वस्थ रहेंगे और उनमें ऑफिस को लेकर कोई भी नकारात्मकता नहीं रह जाएगी.
एक घंटे का पावर नैप दें कंपनियां
आंकड़ों के अनुसार, सर्वे में शामिल हुए लगभग 94 फीसदी लोगों ने ऑफिस में काम के घंटों के बीच एक छोटे पावर नैप की मांग की. सिर्फ 3 फीसदी लोगों ने ही इसे नकार दिया. कर्मचारियों ने बताया कि वह रोजाना काम के दौरान तनाव का सामना करते हैं. इसके चलते उन्हें बहुत जल्द थकान महसूस होने लगती है. इसके चलते वह काम के दौरान कई ब्रेक लेते हैं.
इन सेक्टर के कर्मचारियों की जानी गई राय
इस सर्वे में बैंकिंग, फाइनेंस, कंस्ट्रक्शन, इंजीनियरिंग, शिक्षा, एफएमसीजी, होटल, एचआर, आईटी, बीपीओ, लोजिस्टिक्स, मैन्युफैक्चरिंग, मीडिया, आयल एवं गैस और फार्मा सेक्टर के कर्मचारियों की राय जानी गई. सर्वे में 82 फीसदी कर्मचारियों ने माना कि यदि कंपनियां पावर नैप को मंजूरी देती हैं तो उनकी उत्पादकता बढ़ जाएगी. लगभग 60 फीसदी कर्मचारी रोजाना काम के दौरान तनाव में रहते हैं. सिर्फ 27 फीसदी कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें आज तक काम के दौरान थकान या तनाव नहीं महसूस हुआ.
कंपनियां चाहें तो ऑफिस ऑवर एक घंटा बढ़ा लें
रिपोर्ट में शामिल आधे कर्मचारियों ने कहा कि यदि कंपनियां पावर नैप की सुविधा दें और ऑफिस ऑवर एक घंटा बढ़ा दें तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. मगर, 36 फीसदी लोग इससे सहमत नहीं थे. हालांकि, 78 फीसदी का मानना था कि यदि उन्हें पावर नैप मिले तो काम करने में बहुत संतुष्टि मिलेगी. 64 फीसदी को लगता है कि इससे उन्हें वर्क लाइफ बैलेंस बनाने में मदद मिलेगी।
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