Income Tax: 2023-24 में TDS कटौती के लिए सैलरीड टैक्सपेयर्स को नए या पुराने टैक्स रिजिम में चुनना होगा विकल्प, CBDT ने जारी किया सर्कुलर
CBDT News: वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बजट पेश करते हुए ये एलान किया था नया टैक्स रिजिम को नए वित्त वर्ष से डिफॉल्ट टैक्स रिजिम माना जाएगा.
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Income Tax Regime: वित्त वर्ष 2023-24 की शुरुआत हो चुकी है. एम्पॉलयर अपने कर्मचारियों से ये जानकारी मांगने वाले हैं कि वो नए इनकम टैक्स रिजिम को अपनायेंगे या पुराने टैक्स रिजिम को. ऐसे में सीबीडीटी ने 2023-24 में टीडीएस कटौती के तौर तरीकों को लेकर एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें कहा गया है कि मौजूदा वित्त वर्ष से नया इनकम टैक्स रिजिम डिफॉल्ट टैक्स रिजिम हो गया है. ऐसे में सीबीडीटी ने एम्पलॉयर से कहा है कि वो अपने कर्मचारियों से अवश्य पूछें कि वो नया टैक्स रिजिम ऑप्ट करना चाहते हैं या फिर पुराने टैक्स रिजिम को. सभी कर्मचारियों को हर वित्त वर्ष के शुरुआत में अपने एम्पलॉयर को बताना होगा कि वे नई टैक्स रिजिम का विकल्प चाहते हैं या पुराने टैक्स रिजिम को.
सीबीडीटी ने अपने सर्कुलर में कहा है कि नए इनकम टैक्स रिजिम या पुराने इनकम टैक्स रिजिम का विकल्प इसलिए भी चुनना जरुरी है क्योंकि उसी के आधार पर एम्पलॉयर कर्मचारी के आय पर टीडीएस काटेंगे. सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई कर्मचारी अपने एम्पलॉयर को ये सूचित नहीं करता है तो उस कर्मचारी पर डिफॉल्ट टैक्स रिजिम जो किए नया टैक्स रिजिम है वो मान्य होगा और उसी के आधार पर उसकी आय से टीडीएस की कटौती की जाएगी. ऐसे मामलों में एम्पॉलयर को कर्मचारी के इनकम पर नए इनकम रिजिम के टैक्स रेट के हिसाब से सेक्शन 192 के तहत टीडीएस काटना होगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने 2023-24 के लिए आम बजट पेश करते हुए ये एलान किया था नया टैक्स रिजिम को नए वित्त वर्ष से डिफॉल्ट टैक्स रिजिम माना जाएगा. नए इनकम टैक्स रिजिम में टैक्स रेट, पुराने टैक्स रिजिम के मुकाबले कम है. लेकिन नए टैक्स रिजिम में होम लोन के ब्याज से लेकर निवेश पर कोई डिडक्शन नहीं मिलता है. जबकि पुराने इनकम टैक्स रिजिम में निवेश और होम लोन के ब्याज पर छूट के लेकर मेडिक्लेम पर टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं.
हालांकि सैलरीड टैक्सपेयर्स के पास आयकर रिटर्न भरने के दौरान भी नए या पुराने टैक्स रिजिम को में से किसी एक चुनने का विकल्प मौजूद होगा भले ही एम्पलॉयर को उसने किसी और विकल्प चुनने की जानकारी दी हो. सैलरीड टैक्सपेयर्स के पास ये विकल्प होगा कि हर वर्ष नए या पुराने इनकम टैक्स रिजिम में से किसी एक विकल्प को चुन सकते हैं. जबकि बिनजेस या प्रोफेशन से जिन्हें इनकम हासिल होता है वे केवल एक बार ही एक टैक्स रिजिम से दूसरे टैक्स रिजिम के विकल्प में बदलाव कर सकता है.
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